गोरक्षपीठ की पुरे दुनिया में अलग पहचान

गोरक्षपीठ की पुरे दुनिया में अलग पहचान


गोरखपुरए 17 सितम्बर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 50वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की पाचवीं पुण्यतिथि समारोह के अन्तर्गत युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की श्रद्धान्जलि सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि अयोध्याधाम से पधारे जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महाराज ने कहा कि महन्त दिग्विजयनाथ जी ने राजनीति को धर्म के खुटें से बाँधा। महन्त दिग्विजयनाथ जीए महन्त अवेद्यनाथ जी एवं महन्त योगी आदित्यनाथ जी वैश्विक क्षितिज पर राजनीति और धर्म के द्वन्द्व के उत्तर हैं। दुनियां के राजनीति इतिहास में इस पीठ ने उस विशिष्ट परम्परा को प्रतिष्ठित किया है जो धर्म और राजनीति को सिक्के का एक पहलू मानती है। जो परम्परा राजनीति को भी लोक कल्याण का साधन मानती है। भारत की इस सनातन परम्परा के वैचारिक अधिष्ठान को इस पीठ ने वर्तमान युग में व्यवहारिक धरातल पर प्रतिष्ठित किया है। मध्य युग से लेकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम तक व्याप्त धर्मए राष्ट्र और राजनीति को एक साथ साधने का प्रयत्न करने वाले ऋषियों की एक लम्बी परम्परा है। किन्तु वह परम्परा वर्तमान युग में आकर श्रीगोरक्षपीठ में आकार पाती है। इस मठ के पीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ आज राजनीति और धर्म के एकाकार होने के यदि प्रतिमान बने हैं तो उसका श्रेय युगपुरुष महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसन्त महन्त महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज उन दृढ़ संकल्पों को जाता है जहां उन्होंने राष्ट्रधर्म को ही धर्म माना। महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एक क्रान्तिकारी थे। उन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में आधात्मिक पुट दिया। वे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे। जब देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को स्वीकार करने अथवा उस पर स्पष्ट मत रखने में शासन सत्ता संकोच कर रही थीए उन्होंने इस बात की स्पष्ट घोषणा की कि हिन्दुत्व ही भारत की राष्ट्रीयता है। भारत का विकास हिन्दुत्व के वैचारिक अधिष्ठान पर ही सम्भव है। आजाद भारत का पुनर्निमार्ण उसकी संास्कृतिक विरासत पर ही करना होगा तभी स्वाभिमानीए स्वावलम्बी और सम्प्रव भारत खड़ा होगा। उन्होंने ज्ञान को कर्म में ढालने और कर्म को ज्ञान में ढालने की वह अद्भुत परम्परा प्रारम्भ की जिसे उनके उत्तराधिकारी पीठाधीश्वरों ने लोक मत का परिष्कार कर लोक जागरण कर भारत में जन.जन तक पहुॅचाया। महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज द्वारा जनअभियान चलाकर महन्त दिग्विजयनाथ जी के वैचारिक अधिष्ठान को जनान्दोलन बना दिया गया और महन्त योगी आदित्यनाथ आज उसी जनान्देालन के प्रतिफल है। धारा 370 और 35 ए हटाकर केन्द्र की मोदी सरकार ने देश को एक करने में बड़ा काम किया है यह दोनों पूज्य महाराज जी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


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