घर को बनाये वास्तु अनुसार



  • घर में हवा और प्राकृतिक रोशनी की घर में हवा और प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए।

  • शयनकक्ष की व्यवस्था इस तरह होनी चाहिए कि सोते समय पांव उत्तर और सर दक्षिण दिशा में हो।

  • घर में पूजा स्थल बनाना हो तो वह उत्तरपूर्व दिशा में होना चाहिए। घर में पूजा स्थल तो होना चाहिए लेकिन शिवालय नहीं। आप चाहें तो शिवजी की मूर्ति अवश्य रख सकते हैं।

  • घर के ठीक सामने कोई पेड़, नल या पानी की टंकी नहीं होनी चाहिए। ऐसी चीजों की वजह से घर में सकारात्मक शक्तियों के आगमन में परेशानी आती है।

  • मकान की छत पर बेकार या टूटे-फूटे समान को न रखें। घर की छत को हमेशा साफ रखें।

  • घर के सामने अगर कोई फलदार पेड़ जैसे केला, पपीता या अनार आदि है तो उसे कभी सूखने ना दें, अगर यह सूख रहा है या फल नहीं दे रहा तो घर के जातकों को संतानोत्पत्ति में समस्या या बांझपन से जूझना पड़ सकता है। घर के सामने छोटे फूलदार पौधे लगाना शुभ होता है।

  • घर में बच्चों का कमरा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर बच्चों के पढ़ने का कमरा अलग है तो वह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। पढ़ाई के कमरे में देवी सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति लगाई जा सकती है। बच्चों के कमरे की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना खाते समय हमारा मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। ये दिशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।

  • घर में फ्रिज दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है।

  • शयनकक्ष (सोने का कमरा) कभी भी दक्षिण- पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। शयन कक्ष में दर्पण नहीं लगाना चाहिए, यह संबंधों में दरार पैदा कर सकता है। शयनकक्ष या बेडरूम में लकड़ी के बने पलंग रखने चाहिए।

  • ज्योतिष के अनुसार सोते समय जातक के पैर दरवाजे की तरफ नहीं होने चाहिए।

  • कभी भी बेडरूम में मंदिर नहीं लगाना चाहिए। लेकिन साज- श्रृंगार का सामान या किसी तरह का वाद्य यंत्र शयनकक्ष में रखा जा सकता है। बेडरूम की दीवारों के लिए सफेद, जामुनी, नीला या गुलाबी रंग बहुत ही अच्छा माना जाता है।


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