देवोत्थान एकादशी तिथि 26 नवंबर को भगवान शालिग्राम की बारात निकाली जाएगी उनके साथ ही माता तुलसी का पाणिग्रहण संस्कार गुरूवार को कराया जाएगा। इस दौरान मंगल गीतों के बीच शालिग्राम तुलसी का विवाह पूरे विधि विधान से संपन्न होगा। विवाह समारोह में 25 को मेहंदी और हल्दी रस्म निभाई जाएगी। समस्त कार्यक्रम हाजारीपुर स्थिति कार्यालय प्रांगण से संपन्न होगी।
बता दे की कान्हा सेवा संस्थान द्वारा विगत 17 वर्षों से एकादशी तिथि को भगवान शालिग्राम माता तुलसी का विवाह संपन्न कराया जाता है। कांहा सेवा संस्थान धार्मिक आयोजनों से प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना रखी है। यह संस्था तुलसी विवाह के साथ ही निर्धन कन्याओं का विवाह भी कराता है। विवाह में आने वाले समस्त खर्च यह संस्था स्वयं निर्वहन करती है। इसके साथ ही कन्या पक्ष की ओर से दिए जाने वाले समस्त घरेलू वस्तु को भी दी जाती है।
बातचीत में कान्हा सेवा संस्थान के प्रबंधक अनुपम कुमार ने बताया कि विगत 17 वर्ष पहले माता तुलसी का विवाह बहुत ही छोटे स्तर पर संपन्न कराई गई थी।
उन्होंने बताया कि अंधियारी बाग स्थिति मानसरोवर पर किराए के मकान से माता तुलसी के विवाह का शुभारंभ 2003 में बहुत सीमित संसाधनों से की गई थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि कहानियों से प्रेरणा लेते हुए माता तुलसी और शालिग्राम जी का विवाह प्रतिवर्ष कराने का संकल्प लिया।
आगे उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प भगवान के प्रति आस्था और श्रद्धा के साथ जो कार्य किया जाए वह अवश्य पूर्ण होती है। इसी तरह से लोगों का सहयोग मिलता गया और इस विवाह को धीरे-धीरे भव्य स्वरूप में आयोजन होने लगा। यही वजह है की गोरखपुर के इतिहास में एक और कड़ी जुड़ जाती है। आज गोरखपुर ही नहीं वरन पूरे प्रदेश में तुलसी विवाह की चर्चा की जाती है। इस आयोजन में दूर दराज के लोग भी शामिल होने आते हैं। इसके साथ ही इस संस्था ने 2015 से लगातार निर्धन कन्याओं का विवाह कराते चली आ रही है जो अपने में एक अलग पहचान बनाती है।
मनीराम क्षेत्र के राजू वर्मा की पुत्री लक्ष्मी को इस बात से खुशी है कि आज भी समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो निर्धन असहाय के लिए कार्य कर रहे हैं। लक्ष्मी का विवाह भी इसी तुलसी विवाह पांडाल से वर्ष 2017 में संपन्न हुआ था। लक्ष्मी का विवाह सिद्धार्थ नगर स्थित बांसी के रहने वाले राजन पुत्र हरीश चंद्र वर्मा के साथ हुआ है। उन्होंने बताया कि विवाह में दोनों परिवार मौजूद थे और इस दौरान कन्या के घर से मिलने वाले हर वस्तु को संस्था ने हमें उपलब्ध कराया था जिसके लिए हम दोनों परिवार इस संस्थान का कोटि-कोटि आभारी है। इसी तरह कई और परिवार भी कान्हा सेवा संस्थान के इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुए नहीं थकते हैं। तो वहीं पिछले वर्ष 2019 में गोरखपुर के एक कुशवाहा परिवार की पुत्री की शादी कुशीनगर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ कराई गयी। उनके परिवार के लोगों ने बताया कि इस संस्थान द्वारा आगंतुक को जलपान और भोजन आयोजन स्थल पर कराया जाता है और विवाह में कन्या को गृहस्थी की सभी सामान देकर विदा की जाती है। वार्ता के दौरान डब-डबाई आँखों से प्रबंधक अनुपम कुमार और उनके सहयोगियों को कोटि-कोटि धन्यवाद दी।
Comments