हर तरफ पुलिस का पहरा, गलियों से हाईवे तक पसरा सन्नाटा

चौक चौराहों पर चेकिंग, पुलिस के नज़रों से बचना मुश्किल



गोरखपुर। दोपहर 2.10 बजे। टाउनहाल चौराहा। उन्हें रोकिए, वो जो आपकी बायीं ओर से आ रहे हैं। पूछिए कैसे शहर में निकले हैं। सरकारी कर्मचारी हैं तो आई कार्ड चेक करिए। नजर बनाए रखिए। कोई भी सड़क पर दिखे तो एक बार चेक जरूर करिए। निरीक्षण के दौरान मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों को यह निर्देश डीएम के. विजयेंद्र पांडियन दे रहे थे।



दूसरी तरफ जिला परिषद कार्यालय की तरफ जाने वाली सड़क के मुहाने पर तैनात दारोगा से एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता संवाद कर स्थिति की जानकारी ले रहे थे। करीब 10 मिनट तक रुकने के बाद दोनों अफसरों का काफिला बेतियाहाता की तरफ मुड़ गया। मगर स्कार्ट में लगी सबसे पिछली गाड़ी में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम से निकल रहे जागरूकता वाले संवाद, मसलन बिना वजह घरों से बाहर न निकलें। घरों में रहें- मॉस्क का इस्तेमाल जरूर करें आदि-आदि की गूंज चंद सेकेंड तक फिजा में बनी रही।


करीब ढाई महीने बाद शनिवार को शहर में फिर पहले फेज के लॉकडाउन जैसा नजारा दिखा। सड़कों और चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा। जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पुलिस निगरानी करती रही। हर आने-जाने वालों के आईकार्ड जांचे गए। दवा की दुकानें और अस्पताल समेत जरूरी सेवाएं ही संचालित हुईं। महेवा गल्ला मंडी से सुबह प्रशासन की निगरानी में सब्जी और फल के ठेले अलग-अलग मोहल्लों के लिए रवाना किए गए।


 


 


डीएम और एसएसपी समेत प्रशासन व पुलिस के अफसर दिन भर भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते रहे। उधर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, नंदानगर और मोहद्दीपुर समेत कई इलाकों का निरीक्षण किया और लोगों को जागरूक किया। उधर, कई इलाकों में लोगों ने खुद भी जागरूकता दिखाई और सड़क ही नहीं मोहल्लों की गलियों में भी नहीं मिली।


डॉक्टर्स लेन पर लगी रही भीड़


बेतियाहाता स्थित डॉक्टर्स लेन पर एक ही जगह दवा की दुकानें और अस्पताल होने से शहर के अन्य जगहों की तुलना में भीड़ ज्यादा थी। हालांकि, प्रशासन और पुलिस ने एहतियातन इस मार्ग के दोनों छोर फिराक गोरखपुरी चौराहा और बेतियाहाता चौराहा पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। लोगों के अपने वाहन वहीं पर खड़े कर पैदल जाना पड़ रहा था।


 


हाई-वे पर सिर्फ मालवाहक वाहन, ढाबों पर सन्नाटा


राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर परिवहन जारी रहा। लेकिन सिर्फ मालवाहक वाहन ही दिखाई पड़े। इनके अलावा एंबुलेंस या फिर अन्य जरूरी इमरजेंसी वाले लोग अपने वाहनों से दिखे। हाईवे पर ढाबे खुले रहे मगर ज्यादातर पर सन्नाटा पसरा रहा।


 


सार्वजनिक स्थलों पर चला जागरूकता कार्यक्रम


सार्वजनिक स्थल जैसे कि अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक प्रतिष्ठान, चौराहों आदि पर जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निकायों की ओर से पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से कोविड-19 व संचारी रोगों से बचाव के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। 


 


कई फैक्ट्रियां बंद रहीं, जो खुलीं वहां भी कम वर्कर ही पहुंचे


लॉकडाउन के पहले दिन फैक्ट्री मालिकों से लेकर कर्मचारियों तक में असमंजस की स्थिति रही। कई फैक्ट्रियों में तो मजदूरों और कर्मचारियों को दो दिन की छुट्टी दे दी गई है। एसके फास्टनर्स के मालिक आरएन सिंह ने बताया कि उनकी फैक्ट्री में पिपराइच से लेकर पीपीगंज से ऑपरेटर आते हैं। एक फैक्ट्री को बंद रखने का निर्णय लिया गया। वहीं चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीत सरिया ने बताया कि फैक्ट्रियों को छूट देने के बाद भी दूर-दराज से आने वाले कर्मचारियों और मजदूरों में खौफ है। इसीलिए फैक्ट्री को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। गीडा से लेकर इंडस्ट्रियल एरिया में मजदूर कम संख्या में पहुंचे । कुछ इकाईयों को बंद भी रखना पड़ा।


 


व्यापारियों ने की प्रशासन के साथ सहयोग की अपील


शहर के व्यापारियों ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन का समर्थन किया है। चैंबर ऑफ कामर्स ने प्रशासन के साथ सहयोग की अपील की। अध्यक्ष संजय सिंघानियां ने कहा कि एहतियात बरतकर ही हम इस महामारी से लड़ सकते हैं। गोरखपुर मोबाइल डीलर एसोसिएशन ने भी लॉकडाउन का समर्थन किया। मीडिया प्रभारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि पहले लॉकडाउन की तरह इस बार भी पूरा समर्थन दिया जाएगा।


डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। कुछ एक जगहों पर छोड़ ज्यादातर ने खुद भी जागरूकता दिखाई और घरों से बाहर नहीं निकले। लोगों से अनुरोध है कि वह सिर्फ लॉकडाउन ही नहीं बल्कि उसके बाद भी बहुत जरूरत पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मॉस्क जरूर लगाएं।


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