सीएम योगी का आदेश, प्रवासियों के लिए फिर से बनाए जाएं क्वारंटाइन सेंटर, खाने-पीने की भी करें व्यवस्था
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए उनके जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इनमें खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि महामारी में असहयोग करने वाले निजी संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एमबीबीएस के चौथे और पांचवें साल के छात्रों की परीक्षाएं निरस्त होने के कारण इनकी ड्यूटी अस्पताल में लगाई जाए।
12 जिलों में आरटीपीसीआर जांच सेंटर
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक में कोविड-19 की स्थिति
की समीक्षा के दौरान कहा कि ‘टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट’ के आधार पर कोविड-19 के नियंत्रण के प्रयास हो। सभी जिलों में कोविड बेड और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आरटीपीसीआर जांच रोजाना डेढ़ लाख तक की जाएं। इसके लिए 12 जिलों अमेठी, औरैया, बिजनौर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, बुलंदशहर, सीतापुर, महोबा और कासगंज में प्राथमिकता पर प्रयोगशालाएं स्थापित करें।
बेडों की संख्या बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में एरा, टीएसएम और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में दो हजार बेड बढ़ाए जा रहे हैं। बलरामपुर अस्पताल में 300 बेडों की व्यवस्था हो गई है। इसमें 215 बेड ऑक्सीजन, 40 बेड वेंटिलेटर के हैं। शेष 25 और बेड वेंटिलेटर युक्त होंगे। लखनऊ कैंसर अस्पताल को टेकओवर कर 300 बेड में 50 बेड आईसीयू के बनाए जाएं। हिंद और मेयो हास्पिटल को टेकओवर किया जाए। प्रदेश में ऐसे हास्पिटल और मेडिकल कॉलेजों में एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं। उन्होंने निजी लैबों में जांच बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से भुगतान करने पर भी विचार करने को कहा है।
लखनऊ व कानपुर पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और प्रयागराज पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा नियमित कोविड अस्पतालों की व्यवस्था व संसाधनों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं वहां व्यवस्था को लेकर नोडल अधिकरियों, स्थानीय समिति के साथ डीएम बातचीत करे जिससे समय पर सभी प्रकार की सुविधाएं प्रवासी मजदूरों को मिल सके।
जांच की क्षमता दोगुनी की जाए
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में जांच की भूमिका महत्वपूर्ण है। केजीएमयू व आरएमएलआईएमएस की जांच क्षमता को दोगुनी की जाए। स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर से जांच की व्यवस्था की जाए। अधिक से अधिक निजी प्रयोगशालाओं को जोड़ा जाए। केंद्रीय सीडीआरआई, एनबीआरआई, आईआईटीआर व बीएसआईपी सभी लखनऊ, आईवीआरआई बरेली, एनआईसीपीआर नोएडा में आरटीपीसीआर जांच कराई जाए।
बसों में क्षमता से अधिक न बैठने दें
सफाई, सैनिटाइजेशन व फॉगिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। रोडवेज बसों को नियमित सैनिटाइज किया जाए। क्षमता के अनुरूप ही यात्रियों को बैठाया जाए। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम पूरी सक्रियता से किया जाए। निगरानी समितियां तेजी से काम करें। चैत्र नवरात्रि, रमजान व पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए व्यापक कार्य योजना बनाकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाए। नोडल अधिकारी अपने-अपने जिलों के अधिकारियों से नियमित संवाद बनाकर जिले की रिपोर्ट प्राप्त करें।
Comments