रामनवमी:कोरोना के चलते अयोध्या सूनी, बॉर्डर सील होंगे; निगेटिव रिपोर्ट पर ही मंदिर में एंट्री

मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पहली रामनवमी:कोरोना के चलते अयोध्या सूनी, बॉर्डर सील होंगे; निगेटिव रिपोर्ट पर ही मंदिर में एंट्री

अयोध्या। राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद यह पहली राम नवमी है। कुछ दिन पहले तक सरकार से लेकर साधु-संत तक इस तैयारी में जुटे थे कि 21 अप्रैल को राम नवमी भव्य तरीके से मनाई जाए, लेकिन कोरोना के बेकाबू संक्रमण ने इस उत्साह पर पानी फेर दिया है। पिछले 24 घंटे में अयोध्या में कुल 200 संक्रमित मिले हैं। अब यहां कुल मरीजों की संख्या 1311 पहुंच गई है।

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि राम नवमी बिना श्रद्धालुओं के मंदिर में पूजा-अर्चना तक सीमित रहेगी। पिछले साल 2020 में भी लॉकडाउन के चलते राम नवमी के कार्यक्रम नहीं हो सके थे। यह लगातार दूसरा साल होगा, जब अयोध्या में राम नवमी का मेला नहीं लगेगा।

राम मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास कहते हैं, 'बहुत सीमित संख्या में लोग रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं और उनको 5-5 के बैच में ही प्रवेश दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाना अनिवार्य है। ऐसे में जाहिर है कि राम नवमी का पर्व केवल औपचारिक तौर पर ही मनाया जाएगा।'

 इसको लेकर अब सख्ती की तैयारी की जा रही है।

महंत राज कुमार दास भी राम नवमी के कार्यक्रमों के सवाल पर कहते हैं कि 'पहले जान है तो जहान है। जब श्रद्धालु ही नहीं रहेंगे तो मंदिर की पूजा-अर्चना करने कौन आएगा। ऐसे में प्रशासन की जो गाइडलाइन है, उसका कड़ाई से पालन करते हुए लोग अपने घरों में ही राम नवमी का पर्व मनाएं।' महंत मैथिली शरण ने अपील की है कि जहां पूजा-अर्चना भगवान राम की होगी, वही अयोध्या है।

अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि केवल उन्हीं लोगों को रामनवमी के अवसर पर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा जो कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, राम नवमी के पहले चेकिंग अभियान चलाया जाएगा और अयोध्या की सीमाएं सील की जाएंगी।

राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद चल रही योजनाओं पर भी कोरोना का असर

कोरोना के चलते मंदिरों में केवल उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी जिनके पास निगेटिव रिपोर्ट होगी।

राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन कोरोना के चलते वे सभी प्रभावित हैं। 2022 का विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख कुछ योजनाओं पर काम तेजी से शुरू कराने का प्रयास किया गया। जिन योजनाओं पर काम चल रहा है, उनमें अयोध्या का बस स्टेशन, कोरियाई रानी का पार्क, हाईवे एनएच 27 को सिक्स लेन करना, अयोध्या के चारों तरफ रिंग रोड का निर्माण, 84 कोसी परिक्रमा के मार्ग को हाईवे का दर्जा देकर इस पर पड़ने वाले करीब डेढ़ सौ तीर्थ स्थलों का विकास, करीब 1200 एकड़ क्षेत्र में नव अयोध्या का निर्माण, अयोध्या अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण जैसी तमाम घोषित परियोजनाएं हैं।

इनमें कुछ पूरी हो रही हैं, कुछ पर काम शुरू हुआ है। कुछ जमीन पर ही नहीं उतरी हैं। अयोध्या में करीब आधा दर्जन हाईवे के निर्माण की घोषणा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान यहां कर गए थे. उन पर भी काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

कोरोना संक्रमण को लेकर सड़क पर सैनिटाइजेशन का काम करते हुए पुलिसकर्मी।

सबसे ऊंची प्रतिमा की परियोजना का काम नहीं हो सका है शुरू


251 मीटर प्रभु राम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा की महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी काम शुरू नहीं हो सका है। इसकी घोषणा सीएम योगी आदित्यनाथ ने 4 साल पहले दीपोत्सव के बाद की थी। पिछले 2 सालों में अयोध्या में विकास की बहुत सी योजनाएं शुरू हुईं, लेकिन उनमें से ज्यादातर ठंडे बस्ते में पड़ी हैं।

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