‘‘हर मरीज को दें मेडिकल किट, जरूर ले लें मोबाइल नंबर’’

ऑडियो संदेश के जरिये एचईओ आशा कार्यकर्ताओं को कर रही हैं प्रेरित

डोर-टू-डोर सर्विलांस के संचालन के लिए वाट्स एप ग्रुप को बनाया जरिया

गोरखपुर, 14 मई 2021। कोविड मरीजों के लिए डोर-टू-डोर सर्विलांस अभियान के सफल संचालन के लिए जिले के खोराबार ब्लॉक में सोशल मीडिया वाट्स एप का सहारा लिया जा रहा है। सहयोगात्मक पर्यवेक्षण का यह प्रयोग स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्वेता पांडेय ने किया है। वह खुद का ऑडियो रिकॉर्ड कर वाट्स एप ग्रुप के जरिये आशा कार्यकर्ताओं तक पहुंचा रही हैं। ऑडियो मैसेज के जरिये यह बताया जा रहा है कि प्रत्येक घर में मरीज को मेडिकल किट अवश्य देनी है। कोविड मरीज को अलग मेडिकल किट, जबकि लक्षणयुक्त मरीज को अलग मेडिकल किट दी जानी है।

स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्वेता पांडेय का कहना है कि उनके ब्लॉक क्षेत्र में आठ आशा संगिनी और 204 आशा कार्यकर्ता डोर-टू-डोर सर्विलांस में जुटी हुई हैं। कोविड के कारण यह संभव नहीं है कि आशा कार्यकर्ताओं को हमेशा बुलाकर बैठक की जाए और संदेश दिये जाएं। सभी संदेश उन तक पहुंचे और सही दिशा में कार्य हो सके, इसीलिए आठ वाट्स एप ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप में प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को जोड़ा गया है। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं वह भी अपने परिवार के किसी न किसी सदस्य के माध्यम से ग्रुप से जुड़ी हुई हैं। ग्रुप का संचालन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार के दिशा-निर्देशन में किया जाता है। न केवल अभियान से संबंधित ऑडियो दिशा-निर्देश भेजे जा रहे हैं, बल्कि जागरूकता से संबंधित अन्य ऑडियो-वीडियो संदेश भी साझा किये जा रहे हैं।


ऑडियो संदेश का फोकस

संदेश के जरिये आशा कार्यकर्ताओं को बताया गया है कि जिस भी घर जाएं उसके परिवार के मुखिया का नाम और सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस फूलने जैसे लक्षणों वाले सदस्यों का नाम फार्मेट पर क्रम संख्या डाल कर अवश्य दर्ज करें। यह भी लिखना है कि उनकी कोविड जांच हुई है या नहीं। टीकाकरण की स्थिति के बारे में भी जानकारी देनी है। फर्स्ट डोज या सेकेंड डोज की तिथि भी अंकित करनी है। अगर किसी परिवार में लक्षण वाले तीन व्यक्ति हैं तो तीनों को दवा देनी है। दो प्रकार के किट दिये गये हैं। लक्षणयुक्त को अलग किट जबकि बीमार व्यक्ति को अलग किट देना है। परिवार के मुखिया या किसी एक सदस्य का मोबाइल नंबर अवश्य रहे। अगर सभी सदस्यों का नंबर रहे तो और भी अच्छी बात है। यह अवश्य चेक कर लें कि मोबाइल नंबर चलने वाला हो ताकि जब कभी फोन किया जाए तो पता कर सकें कि दवा मिली या नहीं। हर आशा अपने पूरे क्षेत्र के सभी लोगों की लिस्टिंग करके भेज दें और लिस्ट आपके पास भी होना चाहिए।


पूरे जिले से साझा हुआ ऑडियो

ऑडियो संदेश का यह प्रयोग मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय के स्तर से भी सराहा गया है। उन्होंने स्वयं इस ऑडियो को जिला स्तरीय वाट्स एप ग्रुप में साझा किया। सही दिशा में सर्विलांस अभियान चलाने में इस प्रकार के कम्युनिकेशन का अहम योगदान होता है। सभी आशा कार्यकर्ता सक्रियता से अभियान में जुटी हैं। लोगों को उनका सहयोग करना चाहिए।

डॉ. राजेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, खोराबार


लक्षणों को न छुपाएं

आशा कार्यकर्ता ऐसे कठिन दौर में दिन-रात मेहनत कर रही हैं। लोगों को चाहिए कि जब कोई कार्यकर्ता उनके घर पहुंचें तो उन्हें सही जानकारी दें। मोबाइल नंबर अवश्य दे दें ताकि विजिट को वेरीफाई किया जा सके। प्रयास है कि हर बीमार तक दवा अवश्य पहुंचे। खोराबार का प्रयास सराहनीय है।

डॉ. नंद कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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