मुसलमानों ने कहा जम्मू—कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा, पाकिस्तान अपनी औकात में रहे
- जमीयत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तथा घाटी के लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में ही है। जेयूएच ने दिल्ली में आयोजित अपनी सालाना जनरल मीटिंग में प्रस्ताव पारित किया और एकीकृत भारत का आह्वान किया।
अनुच्छेद 370 का जिक्र किए बिना प्रस्ताव में कहा गया है, ''हमारा मानना है कि कश्मीर का कल्याण भारत के साथ उसके एकीकरण में है। पड़ोसी देश और विरोधी ताकतें कश्मीर को नष्ट करने पर तुली हैं। कश्मीर के परेशान और पीड़ित लोग विरोधी ताकतों के बीच फंस गए हैं। पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि वह कश्मीरियों को ''ढाल" के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। हम देश की सुरक्षा और अखंडता से कोई समझौता नहीं करेंगे। कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि जो लोग जम्मू कश्मीर और भारत के संबंधों पर सवाल खड़े करते हैं, उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज कर सलाखों के पीछे धकेला जाना चाहिए।
अलगाव को जमीयत स्पोर्ट नहीं करती और पाकिस्तान से कहना चाहती है कि वो भारत के मुसलमानों को लेकर अपनी बयानबाजी बंद करें. इस मौके पर जमीयत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान मिलने की वो पैरवी करते हैं।
जमीयत ने एनआरसी के मुद्दे पर भी प्रस्ताव पास किया और असम में एनआरसी कराने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सरकार को लगता है कि वो देशभर में एनआरसी कराना चाहती है तो वो इसका भी स्वागत करते है. मदनी ने कहा कि इससे साफ पता चल जाएगा कि देश में घुसपैठिया कितने है और इस पर राजनीति बंद होगी. जमीयत उलेमा ए हिन्द ने पहली बार आगे बढ़कर मदरसों में आधुनिक शिक्षा की पैरवी की है. जमीयत ने प्रस्ताव पास किया कि देश के सभी मदरसों में इस्लामी तालीम के साथ साथ कम से कम 12वीं तक की शिक्षा भी दी जाएं ताकि मदरसे से पढ़ाई करने वाला छात्र कॉलेज या यूनिवर्सिटी में भी आगे की पढ़ाई कर सके।
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