पारम्परिक देवी गीतों का 10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

निमिया की डरिया मैया डारेली हिरोलवा...की धुन पर झूम उठे लोग


लोक कला, संस्कृति एवं परम्परा को संजोये हुए पूर्वांचल की माटी बहुत उपजाऊ : डॉ. रूप कुमार


सांस्कृतिक परम्परा को सहेजने एवं सवारने के लिये कटिवद्ध : राकेश श्रीवास्तव


 


गोरखपुर। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र गोरखपुर एवं भोजपुरी एसोसिएशन आफ इण्डिया भाई के संयुक्त तत्वावधान में पारम्परिक देवी गीतों का 10 दिवसीय प्रस्तुतिपरक कार्यषाला का शुभारम्भ 20 सितम्बर 2019 को एसएस एकेडमी में किया गया। कार्यक्रम शुभारम्भ राकेश श्रीवास्तव ने पारम्परिक गीत निमिया की डरिया मैया डारेली हिरोलवा हो कि झूमि रे झूमि ना। मैया मोरी गावेलि गीतिया हो कि झूमि रे झूमि ना... ने दर्शकों का मन मोह लिया। परम्परा को और समृद्ध और विस्तार देने के उद्देश्य से नवांकुर कलाकारों को प्रशिक्षित किया जाना पूर्वांचल की आवश्यकता है। पारंपरिक गीतों की धुन पर लोग झूम उठे। संस्कृति विभाग उप्र एवं भाई द्वारा नई पीढी में हमारी लोक परम्पराओं का जो बीजारोपण कर रहा है वो निश्चित ही एक मील का पत्थर सावित होगा। यह प्रयास क्षेत्र की संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण तथा परम्परा को जीवंत करेगा।


प्रशिक्षित कलाकारों में अन्नू निषाद, कनिष्का अग्रवाल, शिवांगी पाठक, ब्रजेश, मनीष पाण्डेय, आकाश, नवीन, अवंतिका, स्वीटी तथा विभा सिंह, नीतू श्रीवास्तव आदि ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया।


मुख्य अतिथि डॉ. रूप कुमार बनर्जी ने कहा कि क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र एवं भाई पूर्वांचल की प्रतिभाओं को निखारने के लिए सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इस तरह के आयोजन से न केवल सांस्कृतिक परम्परा समृद्ध होती है, बल्कि लोक कला एवं संस्कृति से जुडे़ कलाकारों का प्रोत्साहन भी होता है। लोक कला, संस्कृति एवं परम्परा को संजोये हुए पूर्वांचल की माटी बहुत उपजाऊ है। भाई के क्षेत्रीय निदेशक श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्वांचल की सांस्कृतिक परम्परा को सहेजने एवं सवारने के लिये कटिवद्ध हैं। पूर्वांचल की पारम्परिक देवी गीत अहम स्थान रखते हैं इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा इस तरह के आयोजन से यहां के लोगों एवं कलाकारों में एक नई उर्जा का संचार किया है। गोखपुर क्षेत्र में लोक कला की एक समृद्ध परम्परा रही है। इसी कड़ी में 10 दिवसीय कार्यशाला का प्रारम्भ किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र पाण्डेय ने किया। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार गौतम ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र प्रभारी डॉ. मनोज कुमार गौतम, राकेश श्रीवास्तव, डॉ. रूप कुमार बनर्जी, कनक हरी अग्रवाल, शिवेन्द्र पाण्डेय, वाई. पी. चौधरी, राकेश मोहन, जितेन्द्र श्रीवास्तव, काशी नरेश चौबे, डा. सुरेश, अजय शर्मा आदि सहित कार्यशाला सह प्रशिक्षक प्रमिला दूबे, बृजविहारी दूबे, सारिका श्रीवास्तवा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।


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