सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक थे ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ

सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक थे ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ


 


डाॅ0 रामबिलासदास वेदान्ती ने कहा कि रामजन्म भूमि आन्दोलन का अध्यक्ष बनने के लिए जब कोई संत नहीं तैयार हो रहा था। महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज निर्भीक होकर अध्यक्ष का पद स्वीकर किया।
दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या के महन्त सुरेशदास जी ने कहा कि गोरखनाथ का भव्य मन्दिर महन्त दिग्विजयनाथ जी की देन है। महन्त अवेद्यनाथ जी कुशल राजनीतिक, सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक और रूढ़िवादिता के विरूद्ध संघर्ष करने वाले सन्त थे। ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज सनातन हिन्दू धर्म के पथप्रदर्शक थे। ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने पूर्वान्चल में शिक्षा का जो अभियान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर चलाया था उसे ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने विस्तारित किया। समाज की शक्ति संगठन में है और अवेद्यनाथ जी महाराज ने समाज को संगठित करके शक्तिशाली बनाया।


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