त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति हैं योगी
गोरखपुर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 50वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की पांचवीं पुण्यतिथि समारोह मंे राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में 18 सितम्बर को आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए भारत सरकार के पेट्रीयल प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि बचपन से मैं नाथ समप्रदाय योगियों को देखता रहा हूॅ। ये त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति होते हैं। एक बार मैं उड़िसा में योगी आदित्यनाथ जी को लेकर गया और जब उन्हे पता चला कि कुछ मन्दिरो में दलितो का प्रवेश वर्जित है तो उन्होने मुझे कहा कि इसे ठीक करो। योगी जी ने यह बात इस नाते कही क्योंकि उन्हें संस्कार में महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की विरासत मिली है। सामाजिक समरसता गोरक्षपीठ का संस्कार है। आज देश नई उचाईयों को छू रहा है। नये रूप में उभर रहा है निश्चित रूप से इसका श्रेय ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज जैसे महापुरूषों को जाता है । आवश्यकता पड़ने पर यह पीठ केवल प्रवचन नहीं करता अपितु निकल कर शौर्य भी दिखाता है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत एवं योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का बढ़ना तय है। आने वाले दिनो में गोरखपुर उर्जा का केन्द्र बनने वाला है। उर्जा का जो प्लांट यह लग रहा है। वह यहां के लोगो के लिए बहुत लाभकारी होगा। एल.पी.जी. की गैस पाइप लाइन यहा लाई जा रही है। साथ ही मोतीहारी से गोरखपुर को जोड़कर एक दूसरी पाइप लाइन लाई जा रही है, जो नेपाल और भूटान में जायेगी। इस प्रकार गोरखपुर उर्जा का केन्द्र बन रहा है। इससे गोरखपुर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। अब यहा कचरे से भी इधन बनाया जायेगा। अब हमारा अन्नदाता किसान उर्जा-दाता भी बनेगा।
Comments