परंपरागत अस्त्र-शस्त्र के साथ निकली कलश शोभायात्रा
गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अक्षत, चंदन, दूब, माला, धूप, दीप जलाकर पूजा-अर्चना की और काल भैरव के पास स्थापित त्रिशूल को मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ को सौंपा। त्रिशूल सौंपने की वजह मंदिर की वह परंपरा रही, जिसके तहत त्रिशूल धारण करने वाले को 9 दिन मंदिर में प्रवास करना पड़ता है, जबकि मुख्यमंत्री के दायित्व के चलते योगी का मंदिर में नौ दिन रहना संभव नहीं है। योगी कमलनाथ अपने हाथ में उस त्रिशूल को लेकर कलश यात्रा में निकले। उनके पीछे सती मंदिर में रखें एक-एक अस्त्र-शस्त्र को लेकर नाथ संप्रदाय के साधु-संत और मंदिर के पुजारी निकल पड़े। महंत रविन्द्र दास के साथ मंदिर के पुरोहित कलश लेकर चल रहे थे। अस्त्र-शस्त्रों को सरोवर में स्नान कराया गया। घंटी-घंट, शंख और नाथ संप्रदाय के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी की ध्वनि और वेद पाठी बालकों के वेद मंत्रों के बीच कलश यात्रा भीम सरोवर से शक्तिपीठ तक पहुंची। यात्रा में प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मंदिर प्रभारी द्वारिका तिवारी, महंत रविन्द्र दास, अरुणेश शाही, अरूण अग्रवाल (लाला बाबु), दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू आदि शामिल रहे।
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