अचानक वनटांगिया नर्सरी दिव्यांग मनोज निषाद के घर पहुचें, पुत्रियों के हाथों बनी मोटी रोटी व आलू की सब्जी टार्च के रोशनी में खाया और दोनों पुत्रियों को कपड़ा व मेला के लिए दिए रुपये
गोरखपुर। श्रीराम कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू सोमवार को सांय छह बजे अचानक जंगल तिकोनिया नम्बर तीन के वनटांगिया नर्सरी पहुच कर गाँव के बाहरी मकान मनोज निषाद के घर पहुच मनोज के दोनों पुत्रियों सुमन 16 वर्ष व संयोगिता 14 वर्ष को बाहर बुला कर पूछे हम लोगों को खाना खिलाएंगी। पहले तो बड़ी बड़ी गाड़ियों से पहुचे लोगों को देख कर परिजन आर्श्चयचकित हो गए फिर पुत्रियों संग मनोज निषाद ने बोला क्यो नही? फिर बापू मकान के बाहर तख्त पर बैठ गए तथा मनोज निषाद से बोले बिना किसी तामझाम के बच्चियों से मोटी रोटी व आलू की सब्जी बनाने को बोलो। फिर मनोज निषाद की दोनों पुत्रियां सुमन या संयोगिता जल्दी-जल्दी आटा गुथना व सब्जी काटना शुरू कर दी। दूध गर्म कर बापू को दूध व सब्जी देने के बाद गरमा गरम पराठा बनाती गई तथा बापू को परोसती गई। बापू अपने स्वयं भी खा रहे थे तथा साथ आए हुए करीब एक दर्जन लोगों को भी बीच-बीच में पराठा और सब्जी देते जा रहे थे । प्रसाद स्वरूप दर्जनों लोग मुरारी बापू के साथ प्रसाद ग्रहण किया । वन टांगिया नर्सरी के लोगों को ऐसा लग रहा था जैसे शबरी के घर भगवान श्री राम पधारे हो। बापू भोजन करने के बाद खाना बना रही दोनों बच्चियों को बुलाकर कपड़ा प्रदान करते हुए दशहरा का मेला करने के लिए रुपए भी प्रदान किए। बापू ने बताया कि ऐसे ही हम जहां भी जाते हैं अचानक समाज के गरीब लोगों के घर पहुंचकर भिक्षा मांग कर भोजन करता हूं जिसमें मुझे बहुत ज्यादा सुख की अनुभूति होती है। बापू ने बताया कि मनोज निषाद के परिजनों को अच्छा लगा या ना लगा लेकिन मुझे भोजन कर बहुत ही आनंद आया। उनके साथ कृष्णा कुमार तुलस्यान, सतुआ बाबा सहित कई लोग मौजूद रहे।
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