यहाँ गुजराती, बंगाली के साथ मुस्लिम परिवार भी करता है शक्ति की उपासना
महामंत्री, मनीष कुमार जैन
गोरखपुर । वैसे तो शहर में देवी मां की हजारों प्रतिमा स्थापित की जाती है पर सबका अपना अलग-अलग महत्व है, लेकिन श्री श्री दुर्गा पूजा समिति दीवान बाजार द्वारा स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का स्वरूप सबसे अलग होती है और यहाँ पूजा करने की विधियां भी अनेक हैं। इसीलिए अन्य स्थापित प्रतिमाओं से अपने को अलग करता है क्यों कि यहाँ पर बंगाली पूजा का खास महत्व है।समिति के महा मंत्री मनीष कुमार जैन ने बताया कि इस साल मां की प्रतिमा की स्थापना का 50वां साल है। उन्होंने ने बताया कि दीवान बाजार की प्रतिमा और पंडाल में श्रद्धालुओं का दिन भर ताता लगा रहता है। यहां की खास बात यह है कि यहां पूजा के साथ-साथ रात में डांडिया का भी कार्यक्रम होता है। जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि इस पंडाल में देवी पूजा कि कई विधियां होती हैं, जैसे संधि पूजा की जाती है। इस बार देवी पूजा में 5 अक्टूबर को प्रातः 9:16 पर प्राण प्रतिष्ठा, सप्तमी पूजा और उसके पश्चात पुष्पांजलि एवं प्रसाद का वितरण एवं 7:00 बजे देवी आरती के बाद चौकी जागरण होना सुनिश्चित है। 6 अक्टूबर को पूर्वाह्न 2:21 बजे तक अष्टमी पूजा तत्पश्चात पुष्पांजलि और प्रसाद वितरण तथा पूर्वाह्न 1:57 से 2:45 बजे तक संधि पूजा में 108 दीया जलाया जाता है और महिलाओं द्वारा इसकी पूजा की जाती है। इस पूजा का बंगाली समाज में बहत महत्व है। सायं 7:00 बजे देवी की महाआरती, 7 अक्टूबर को पूर्वाह्न 3:06 बजे तक नवमी पूजा एवं प्रसाद का वितरण और शाम 7:00 बजे देवी पूजा और आरती के साथ, 8 अक्टूबर विजया दसवीं को प्रातः 8:20 बजे दशमी पूजा, पुष्पाजंली और प्रसाद वितरण के बाद विसर्जन एवम समापन का कार्यक्रम तथा शाम 4:00 बजे विसर्जन शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी।
जितेन्द्र नाथ अग्रवाल (जीतू) ने बताया कि मेरे दादाजी से पहले यहां मुर्ति स्थापित किया गया था। अब इस श्रद्धा पूर्ण कार्य को समाज के प्रति में आस्था व्यक्त करने और उस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम मेरे पिताजी और हम लोग कर रहे हैं। नवरात्र के समय 15 दिन तक हम लोग व्यापार और अन्य काम बंद करके सिर्फ नवरात्र में पूजा करते हैं और मां के प्रतिमा को स्थापित कर पूजन अर्चन करते हैं, इस दौरान यहाँ बलि पूजा भी दी जाती है। जिसमें केला, नारियल, कोहड़ा, लौकी व गन्ना की बलि अष्टमी को दिया जाता है। बंगाली पूजा में मां का चेहरा प्रतिदिन बदलता है। दीवान बाजार ने ऐसी परंपरा को कायम रखा है उन्होंने बताया कि मां की सेवा गुजराती और बंगाली समाज के साथ मुस्लिम परिवार भी करता है जिसमें मोहम्मद अफसर, मोहम्मद सूकरुउल्ला समेत कई मुस्लिम परिवार भी दीवान बाजार में स्थापित नवरात्र में मां दुर्गा की प्रतिमा पूजा में वह सहयोग करते हैं और बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह परंपरा दीवान बाजार की परंपरा को अन्य प्रस्थापित प्रतिमाओं से अलग करती हैं उन्होंने बताया कि इसमें बाबा पटेल, मनीष जैन, पुष्पदंत जैन, भरत पटेल, आनंद जैन, गोवर्धन दास, संतोष कुमार अग्रवाल समेत समिति में शामिल सभी लोगों का सहयोग रहता है।
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