सिद्धियों की स्वामिनी हैं सिद्धिदात्री

मां भक्तोंपर बरसाती हैं कृपा



नवरात्र के आखिरी और नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री की अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां होती हैं। इसलिए मां सिद्धिदात्री की सच्चे मन से विधि-विधान के साथ आराधना की जाती है। इनकी कृपा से ये सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं। सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा और बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। मां की साधना करने से लौकिक, परलौकिक की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।


सिद्धगन्धर्वक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।


सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धदायिनी।।


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