गुरुनानक के जयघोष से गुंजायमान रहा वातावरण
- हर्षोल्लास से मना 550वां प्रकाश पर्व
उमड़े श्रद्धालु, देखने लायक रही गुरूद्वारा जटाशंकर की भव्यता
- नगर विधायक सहित तमाम प्रमुख जनरल ने दी पर्व की शुभकामना
गोरखपुर। श्री गुरुनानक देव महाराज जी का 550वां प्रकाश पर्व।
इस विशेष दिवस का बेसब्री से इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार का दिन बेहद सौभाग्यशाली रहा।गुरू का प्रकाश पर्व मनाने का अवसर मिला तो हजारों शीश गुरू चरण में नतमस्तक हुए। कीर्तन, कथा, सेवा के बीच " गुरुनानक तेरी जय होवे" के घोष ने गुरूपर्व समारोह को ऐतिहासिक बना दिया।
प्रकाशोत्सव की शुरुआत सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब से हुई। उसके बाद गुरूद्वारा जटाशंकर एवं गुरुद्वारा मोहद्दीपुर के हजूरी रागी जत्थों ने गुरूवाणी का मनोहर कीर्तन प्रस्तुत कर भक्तिमय माहौल बनाया, फिर आकर्षण का केंद्र रहे दिल्ली के रागी जत्थे भाई मनमीत सिंह व उनके साथियों ने क्रमवार दो घंटे तक गुरूनानक वाणी का कर्णप्रिय गायन कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कीर्तन उपरांत आस्ट्रेलिया से पधारे सिख समाज के प्रसिद्ध कथावाचक ज्ञानी दयाकरन सिंह जी ने गुरूनानक साहिब के जगत आगमन के संपूर्ण इतिहास का विस्तृत वर्णन करते हुए सबको गुरू उपदेश के अमल की प्रेरणा दी। इस दौरान समाज के एडवोकेट धनवंत सिंह कोहली की अगुवाई में शहर के सभी इलाकों के सिख नौजवानों के साथ गुरू के सम्मान में एक गुरूवाणी भजन की प्रस्तुति हुई, जिस पर जो बोले सो निहाल के खूब जैकारे लगे।
कार्यक्रम में नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, धराधाम प्रमुख सौरभ पांडेय, प्रांत प्रचारक सुभाष जी, दुर्गेश त्रिपाठी, जगदीश जी, समाजसेवी राकेश जी सहित बड़ी संख्या में प्रमुख जन ने आकर गुरू को माथा टेका और समाज को पर्व की शुभकामना दी।
नगर विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि गुरूनानक साहिब किसी एक पंथ- मजहब के नहीं सबके हैं। उनके द्वारा लगाई गई सिखी के फुलवारी की सुगंध से आज पूरा विश्व प्रभावित हैं। ऐसे महान गुरदेव को बारंबार नमन।
दिन के कार्यक्रम का समापन सायंकाल 5 बजे हेड ग्रंथी ज्ञानी गुरविंदर सिंह द्वारा अरदास से हुआ। सायंकाल 7.30 से रात्रि 10.30 बजे तक पुनः सत्संग के कार्यक्रमों के प्रकाश पर्व का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश पंजाबी एकेडमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू और आभार ज्ञापन अध्यक्ष जसपाल सिंह एवं महामंत्री कुलदीप सिंह अरोड़ा ने किया। सभी अतिथियों को सिरोपा व सम्मान पत्र प्रदान कर बधाई दी गई।
इस अवसर पर रजिंदर सिंह, अशोक मल्होत्रा, गगन सहगल, धर्मपाल सिंह राजू, चरनप्रीत सिंह मोंटू, हेमंत चोपड़ा, मनप्रीत सिंह उप्पल, रघुबीर सिंह, हरप्रीत सिंह साहनी, राजू उप्पल, निरंजन सिंह, डा. दीपक सिंह, मनोज आनंद, प्रिंस सिंह, नीतू उप्पल, सतपाल सिंह कोहली, गुरदीप सिंह, मनजीत सिंह बंटी, राजिंदर सिंह चड्ढा, मनमोहन सिंह लाडे, रघुबीर सिंह, सुमित साहनी, सतनाम सिंह सैनी, इंद्रपाल सिंह चार्ली, मनजीत सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह शेरू, अमरजीत मदान, कुलदीप सिंह नीलू, राजबीर सिंह सलूजा, संतोष साहनी, इनप्रीत सिंह, एड. अरविंदर सिंह राजन, संतोष सिंह, दौलत राम, शुभम मदान, केशव दास, केशव दास, हृदयेश पुरी, नंदलाल लखमानी, दौलत राम, ईश्वर दास, मनोज आनंद, शुभम मदान, राजेश जी, तोशिबा आनंद सहित सर्व समाज का सक्रिय सहयोग रहा।
- दूरदराज से आए श्रद्धालु, छका लंगर
गोरखपुर। प्रकाश पर्व मनाने के लिए गुरूद्वारा जटाशंकर में न केवल गोरखपुर बल्कि सरदार नगर, नौतनवां, बस्ती, खलीलाबाद, नौगढ़, देवरिया तक से श्रद्धालु आए। जिसके कारण गुरूद्वारा में भारी भीड़ रही। सबने सत्संग- सेवा में हृदय से सहभागी होकर एक-दूसरे को पर्व की शुभकामना देते हुए श्रद्दा से गुरू का लंगर प्रसाद छका।
- भव्य रही गुरुद्वारा की सजावट
प्रकाश पर्व के लिए गुरुद्वारा जटाशंकर की सजावट ने सबका मन मोह लिया। कई कुंतल रंग-बिरंगे फूलों की की सजावट के साथ सड़क से लेकर संपूर्ण गुरूद्वारा परिसर इलेक्ट्रॉनिक लाईटों की जगमग व सैकड़ों गुरू के बैनर-पोस्टर से दिन-रात कड़ी मेहनत से गुरू घर के सेवादार संगतों ने सुसज्जित किया। गुरूद्वारा की सजावट देख हर कोई मंत्रमुग्ध था।
- सामाजिक एकता की दिखी मिशाल
प्रकाश पर्व न केवल सिख-पंजाबी- सिंधी समाज बल्कि हर पंथ, मत, मज़हब के लोग शरीक हुए। हर वर्ग के लोगों द्वारा गुरूद्वारा में जिस तरह सेवाभाव व श्रद्धा देखा गया वह सामाजिक एकता की अनुपम मिसाल थी।
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