राधा कृष्ण मंदिर में राम ने सीता गले में डाल वरमाला, लिए अग्नि के सात फेरे




गोरखपुर। गीता वाटिका के राधा कृष्ण साधना मंदिर में रविवार को मंगल गीतों के बीच सीताराम विवाह का आयोजन किया गया। यहां आयोजित स्वयंवर में श्रीराम ने सीता को वरमाला पहनाये, और सात फेरे के साथ जनक नंदनी संग शादी रचाई। इस दौरान मंगल गीत गूंजते रहे। पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधि विधान से सीता राम संग चारों भाइयों की विवाह कराई। जिसमें उपस्थित जनसमूह ने बढ़ चढ़कर उत्साह के साथ हिस्सा लिया। सैकड़ों लोग इस पल के गवाह बने। राजा रामचन्द्र और जनक नंदनी की शुभ विवाह प्रक्रिया पूर्व निर्धारित लग्नेश समयानुसार शाम 6:30 बजे से प्रारंभ होकर देर रात तक चली। धूमधाम से षोडशोपचार विधि से भगवान राम का सीता से विवाह रचाया गया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार गूंज रहे थे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में शामिल होकर भगवान राम और माता सीता के प्रति अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत संध्या आरती से हुई। इसके बाद चार भाइयों संग रामचंद्र का विवाह वैदिक रीति-रिवाज से कराया गया। राम सीता का विवाह उसी विधि-विधान से किया गया, जिस प्रकार से श्रीरामचरितमानस में उसका वर्णन किया गया है। इस दौरान राकेश तिवारी के भजन मंडली द्वारा श्री रामचरितमानस के सीता राम विवाह प्रसंग का स्वर गायन गूंज रहा था। जिसका रसपान सभी भक्तगण कर रहे थे। इसके बाद विवाह के पदों का गायन व संकीर्तन किया गया। सीताराम के जयघोष से वातावरण गूंज उठा। माहौल भक्ति व उल्लास से परिपूर्ण था। इसके पूर्व दोपहर में गिरिराज पूजन किया गया। उसके बाद भोग अर्पित किया गया। पूजन आरती के बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। विवाह उपरांत सोमवार को मंदिर परिसर में कलेवा का आयोजन किया जाएगा। जिसके बाद श्री राम जी के साथ माता सीता की विदाई संपन्न होगी। मुख्य यजमान दिनेश सिंघानिया थे। कार्यक्रम में उमेश कुमार सिंघानिया, रसेंद्र फोगला, हरि कृष्ण दुजारी, कनक हरि अग्रवाल, प्रमोद कुमार वाजपेई, मनमोहन जाजोदिया, अंजलि पराशर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।


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