एक करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी


मौनी अमावस्या पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शुक्रवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर में तीन बजे स्नान से घंटा-घडिय़ाल और शंखनाद के साथ शुरू हुए स्नान का सिलसिला शाम तक जारी है। मेला प्रशासन ने दावा किया कि शाम साढ़े पांच बजे तक लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। देर शाम भी श्रद्धालुओं का आना लगा रहा। इस दौरान सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। मेला क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। संगम किनारे तड़के दूधिया रोशनी के बीच चार बजे से ही महिलाए पुरुषए युवाए बच्चे और दिव्यांगों ने गंगा में खड़े होकर श्रद्धालु ने पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी। शीत लहर में भी श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही। संगम तट पर भीड़ इस कदर उमडी की मानो आस्था का समंदर हिलोरे मार रहा हो। आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं में केवल भारतीय ही नहीं बल्कि कुछ विदेशियों को भी संगम तीरे आध्यात्म का आनंद लेते देखा गया है। कुछ विदेशी त्रिवेणी मार्ग पर पहुंचकर सुरक्षा में लगे पुलिस और अन्य एजेंसियों के जवानों से संगम जाने के लिए श्लेट मी नो द वे ऑफ संगमश्ए पूछते नजर आ रहे हैं। सिर पर गठरी का बोझ रखे दीन.दुनिया से बेपहरवाह श्रद्धालुओं का लक्ष्य पतित पावनी गंगाए श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती में परिवार और सगे संबंधियों के लिए आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करना है।


.01 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया संगम में स्नान


.स्नानार्थियों पर हेलिकाप्टर से पुष्प की हुई वर्षा


.200 सीसीटीवी कैमरों से हुई मौनी अमावस्या स्नान की निगरानी
.30 स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की सुविधा
.28 सौ बसों का श्रद्धालुओं के लिए किया गया संचालन
.15 प्रवेश मार्गों से होकर संगम पहुंचे श्रद्धालु
प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को संगम पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की आस्थाए भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। चाहे स्नान घाट हों या संगम के रास्तेए हर तरफ  जन ज्वार हिलोरें मारता रहा। मेला प्रशासन ने शाम तक एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम पर डुबकी लगाने का दावा किया।
आधी रात दो बजे से ही संगम में आस्था का मौन स्नान आरंभ हो गया। रेलवे स्टेशनोंए बस अड्डों से लेकर निजी वाहनों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु संगम की ओर बढ़े। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं से  स्नान घाट पैक हो गए। चाहे लाल सड़क हो या काली सड़क या फिर झूंसीए अरैल और दारागंज से संगम की ओर से जाने वाले मार्ग। हर तरफ एक दूसरे का हाथ और गमछा थामे लोग बढ़ते रहे। कोई झंडा लेकर चल रहा था तो कोई ढोलए खझड़ी लेकर। संगम पर मौनी अमावस्या से स्नान का उत्साह देखते बन रहा था। भोर में पुण्यकाल लगने के साथ ही गंगाए यमुना और विवुप्त सरस्वती के संगम में डुबकी के साथ दान और ध्यान में रमे लोग रेती पर जम गए। कहीं तिल रखने की जगह नहीं थी। भोर से ही त्रिवेणी तट पर आस्था और आनंद का अलौकिक संगम दिखा। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। प्रभारी मेलाधिकारी रजनीश मिश्र ने शाम तक एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की अधिकारिक पुष्ट की। देर शाम तक संगम पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। 



  • स्नानार्थियों पर हेलिकाप्टर से पुष्प की हुई वर्षा


दोपहर बाद संगम नोज से लेकर सभी स्नान घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। पुष्पवर्षा के दौरान हर तरफ से जयघोष होता रहा। गुलाब के फूलोंकी पंखुड़ियां लोग माथे लगाने के साथ ही घर ले जाने के लिए चुनते रहे। मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर हेलीकॉप्टर से स्नानार्थियों पर फूलों की वर्षा आकर्षण का केंद्र बनी रही। संत.भक्त गंगा माता के गगनभेदी जयकारे लगाते रहे।


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