जीवन में रेखाओं की गणित

मणिबंध रेखा



विश्लेषण की हाथ की सभी रेखाओं का सामुद्रिक शास्त्र में कुछ ना कुछ महत्व बताया गया है। हाथ की कलाई पर बनी मणिबंध रेखाओं का भी भविष्य कथन में अहम स्थान है। मणिबंध रेखाओं की पहचान है कि यह हाथ की कलाई पर शुरुआत में बनी होती है। यह किसी की कलाई पर तीन तो किसी की कलाई पर दो या चार भी होती हैं। यह रेखा आयु, स्वास्थ्य और संतान आदि की भविष्यवाणी करती है। मणिबंध रेखा पढ़ने के नियम : मणिबंध रेखाएं आयु से जोड़कर भी देखी जाती है।सामुद्रिक शास्त्र और अन्य शास्त्रों के अनुसार एक मणिबंध रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है। इसी तरह दो हो तो जातक की आयु 50, तीन हो तो 75 और अगर चार मणिबंध रेखा हो तो जातक बेहद सफल, संपन्न और दीर्घायु होता है।


हृदय रेखा



जीवन में प्यार के सभी अहसासों और प्यार की सारी कहानी को हृदय रेखाएं अपने अंदर समा कर रहती है। हृदय रेखा हथेली पर तर्जनी और मध्यमा के बीच से शुरु होकर हथेली के दूसरे छोर तक जाती है। कई जातकों की हथेली पर यह रेखा तर्जनी के निचले हिस्से से शुरु होती है तो कई जातकों की हथेली पर यह रेखा बेहद छोटी भी होती है। इस रेखा का विश्लेषण कर यह बताया जा सकता है कि जीवन में प्रेम विवाह का योग है या नहीं। जिन जातकों के हाथों में गहरी और स्पष्ट हृदय रेखाएं हों जो तर्जनी या मध्यमा या गुरु या शुक्र पर्वत पर खत्म हो रही हो उन्हें जातक जीवन में अपार सफलता हासिल होती है। लेकिन अगर किसी जातक के हाथों में हृदय रेखा का अंत तर्जनी या मध्यमा के मूल यानि नीचे की तरफ झुका हो उनपर प्यार के मामलों में भरोसा नहीं करना चाहिए।


मस्तिष्क रेखा



किसी इंसान की बुद्धिमानी, समझदारी और पढ़ाई के बारें में भविष्यवाणी करने के लिए मस्तिष्क रेखा का अध्ययन किया जाता है। हथेली के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जाने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा कहलाती है। मस्तिष्क रेखा के पास से ही जीवन रेखा का उदय होता है। मस्तिषक रेखा से व्यक्ति की प्रतिभा, ऊर्जा, तर्कक्षमता आदि लक्षणों के बारें में जान सकते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि मस्तिष्क रेखा हथेली के एक छोर से शुरु होकर दूसरे छोर तक ही जाएं। कई जातकों की हथेली पर यह रेखा मध्य या हथेली के बीच तक ही सीमित होती हैया कई बार यह भाग्य रेखा से कटने के बाद क्षीण होकर खत्म हो जाती है।


सूर्य रेखा



हिन्दू ज्योतिषशास्त्रानुसार कई बार लोग बड़ी-बड़ी खोजें और बेहद दुर्लभ कार्य कर जाते हैं लेकिन कोई उनकी तारीफ नहीं करता, कोई उन्हें नहीं पूछता, ऐसे व्यक्तियों के जीवन में कमी यश रेखा या सूर्य रेखा की वजह से होती है। सूर्य रेखा अनामिक ऊंगली यानि रिंग फिंगर के निचले क्षेत्र में होती है जो सूर्य पर्वत से शुरु होकर ऊपर की तरफ जाती है। सूर्य पर्वत से लेकर मणिबंध तक जाने वाली सूर्य रेखा को असाधारण माना जाता है। ऐसी रेखा कलाकारों, नेताओं या बड़े सितारों के हाथों में आसानी से देखी जाती है। कई लोगों के हाथों में यह रेखा होती ही नहीं है। जानें सूर्य रेखा के बारें में विशेष बातें - टूटी हुई सूर्य रेखा या हथेली पर सूर्य रेखा का ना होना अशुभ माना जाता है। हालांकि यह आम बात होती है क्यूंकि जरूरी नहीं कि हर इंसान यश प्राप्त करें।


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