वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान या शोरूम की शुरूआत करने के लिए विशेष नियम बताए गए हैं जो एक प्राचीन रहस्य है। व्यक्ति की सफलता उसकी मेहनत व आय पर निर्भर होती है। मान्यता है कि सफल कारोबार के लिए मनुष्य को अपने कार्यस्थल के वास्तु का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें वास्तु शास्त्र द्वारा दुकान के लिए सरल वास्तु नियम
वास्तु की छोटी-छोटी बातें
- दुकान या शोरूम का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिएयदि ऐसा संभव न हो तो दुकान का मुख पश्चिम दिशा की ओर भी किया जाता जा सकता है।
- दुकान के अंदर समान रखने के लिए अलमारी आदि पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनवानी चाहिए।
- दुकान में ईशान कोण या आग्नेय कोण (उत्तरपूर्व या दक्षिणपूर्व) दिशा में बिक्री का समान नहीं रखना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण में इष्टदेव की मूर्ति या पानी रखना शुभ माना जाता है।
- आग्नेय कोण (दक्षिणपूर्व) दिशा में बिजली का मेन बोर्ड इन्वर्टर या जनरेटर रखना शुभ होता है।
- दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों का पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।
- दुकान या शोरूम के मालिक को पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। ऐसा करने से आय में वृद्धि होती है।
- दुकान की तिजोरी को पश्चिम या दक्षिण दीवार के सहारे रखना शुभ होता है।
- गल्ले, तिजोरी, मालिक या मैनेजर की जगह के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए। यह व्यवसाय में रोड़ा बन सकता है।
- यदि ग्राहक दुकान में प्रवेश कर रहा हो तो उसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इससे उत्साह बढ़ता व वातावरण अच्छा रहता है।
- दुकान की उत्तर या पूर्व दिशा में देवी लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति रखने व्यापार में लाभ होता है।
- चतुर्भुज या गोल आकार की दुकान अधिक शुभ मानी जाती है।
- भारी समान दुकान के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
- यदि दुकान में टीवी या कंप्यूटर रखना चाहते हैं तो दक्षिणपूर्व दिशा सबसे शुभ है।
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