महायोगी गुरु गोरखनाथ जी गोरखपुर क्षेत्र में आए थे भिक्षा में खिचड़ी मांगने
मकर संक्रान्ति का कई धार्मिक अनुष्ठानों के कारण तथा लोक परलोक में उत्तम गति देने वाला होने के कारण विशेष महत्तव है। यह पर्व प्रायः सारे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस पुण्य पर्व का महायोगी गोरखनाथ जी और गोरखपुर से भी विशेष संबंध है। कहते हैं गोरखनाथ जी कांगड़ा से मिक्षा में खिचड़ी मांगते हुये अयोध्या क्षेत्र की इस पवित्र भूमि में पहुंच गए। शान्त और एकान्त स्थान देखकर हिमालय की लहलटी की इस पुण्य भूमि में महायोगी समाधिस्थ हो गये। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम गोरखपुर रखा गया।
गोरखपुर। संक्रान्ति काल के दिन समुद्र, गंगासागर, काशी और तीर्थराज प्रयाग में स्नान का विशेष महत्तव है। किन्तु जो इन तीर्थो मे किसी कारण से नहीं जा सकते हैं उन्हें गंगा आदि सात पवित्र नदियों का स्मरण कर किसी भी नद, नदी या सरोवर में विधिवत स्नान करने का विधान किया है जिससे व्रती को तीर्थस्नान का फल तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। मकर संक्रान्ति का कई धार्मिक अनुष्ठानों के कारण तथा लोक परलोक में उत्तम गति देने वाला होने के कारण भी विशेष महत्व है। प्रायः सारे देश में मकर संक्रांति बड़े उत्साह औरश्रद्धा-विश्वास के साथ मनाया जाता है, वहीं इस पुण्य पर्व का शिवावतार महायोगी गोरखनाथ जी और गोरखपुर से भी विशेष सम्बन्ध है। त्रेता युग में महायोगी गुरु गोरखनाथ जी भ्रमण करते हुए कांगडा जिले के ज्वाला देवी के स्थान पर पहुंचे। महायोगी को आया देखकर स्वयं देवी प्रकट हुई और उनका स्वागत करते हुए उन्होंने उनसे धाम में ही भिक्षा ग्रहण करने का आमंत्रण दिया। उन्होंने देवी से प्रार्थना की कि मैं खिचड़ी खाता हूं और वह भी मधुकरी द्वारा प्राप्त करके। देवी ने कहा कि ठीक है मैं खिचड़ी पकाने के लिये अदहन गरम करा रही हूं तुम खिचड़ी मांग कर ले आओ। कहते हैं वहां से गोरखनाथ जी भिक्षा में खिचड़ी मांगते हुए अयोध्या क्षेत्र की इस पवित्र भूमि में पहुंच गए। शान्त और एकान्त स्थान देखकर हिमालय की तलहटी की देखकर हिमालय की तलहटी की इस पुण्य भूमि (गोरखपुर) में महायोगी समाधिस्थ हो गये। खिचड़ी के लिये रखा गया उनका खप्पर श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों द्वारा खिचड़ी चढ़ाये जाते रहने के बाद भी न भरा, न ही वे लौट कर कांगडा, जहां ज्वाला देवी के प्रभाव से जल खौल रहा है वापस गये। गोरखनाथ जी के उसी अक्षय पात्र में तब से लोग खिचड़ी चढ़ाते हैं।
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