राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने अमर तुलस्यान सहित 6 उद्यमियों को भी किया सम्मानित

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने नौ खिलाड़ियों सहित 6 उद्यमियों को भी सम्मानित किया


राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पांच खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और नौ खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के तौर पर उन्हें कांस्य प्रतिमाए प्रशस्ति पत्र और 3.11.000 की धनराशि के चेक दिए गए। इस मौके पर प्रदेश में निवेश के लिए गोरखपुर के अमर तुलस्यान सहित प्रदेश के 6 उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया। औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए इन्हें अंग वस्त्र और परस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।  



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर यूपी दिवस के तीन दिवसीय रंगारंग आयोजनों का मेला शुक्रवार से लखनऊ से अवध शिल्पग्राम में शुरू हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्ज्वलित कर उत्तर प्रदेश दिवस का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार पर्यटनए संस्कृति, धर्मार्थ कार्य नीलकंठ तिवारी ने स्मृति चिह्न भेंट की। इस दौरान संस्कृति विभाग द्वारा अभिलेखी पुस्तक का विमोचन किया गया। संस्कृति प्रस्तुति में गोरखपुर के बच्चों द्वारा समधुर सुन्दर कांड का पाठ किया। इसका नेतृत्व प्रदेश संस्कृति विभाग के सदस्य लोक गायक राकेश श्रीवास्तव ने किया। सीएम योगी ने हॉकी खिलाड़ी दिवाकर राम, उद्यमियों में शुद्ध प्लस के अमर तुलस्यान, गैलेन्ट सरिया से चंद्र प्रकाश अग्रवाल को सम्मानित कर गोरखपुर का मान बढ़ाया है। अमर तुलस्यान द्वारा उद्यमी के क्षेत्र में सौ महिलाओं सहित करीब एक हजार बेटियों को रोजगार देने का कार्य किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश अस्तित्व में आया था। आज हमने अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूरे किए हैं। यह अवसर हम सबके लिए 70 वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का भी है। चुटकी भी ली इस 67,68 वर्षों में किसी को उत्तर प्रदेश के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं थी, क्योंकि उन्हें यहां की गौरवशाली परंपराओं और अतीत से कोई सरोकार नहीं था। बता देें, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर समारोह का समापन होगा। सीएम ने कहा कि राज्यपाल ने देश-विदेश में उत्‍तर प्रदेश को पहचान दिलाने वाले खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 6 करोड़ रुपयेए रजत पदक पर 4 करोड़ रुपयेए कांस्य पदक पर 2 करोड़ और प्रतिभाग पर 10 लाख रुपये की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से दी जाती है। वहींए राष्ट्रमंडल और एशियन खेलों में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को 50 लाख रुपयेए रजत पदक पर 30 लाख रुपयेए कांस्य पदक पर 15 लाख रुपये और प्रतिभाग पर 5 लाख रुपये की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से प्रदान की जाती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालयों में निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया।


वहीं, स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश राम और कृष्ण की जन्म स्थली होने के साथ ही गौतम बुद्ध और महावीर की स्थली भी है। जोश मलीहाबादी, जिगर मुरादाबादी, फिराक गोरखपुरी अली सरदार जाफरी, ब्रज नारायण चकबस्त और कैफी आज़मी जैसे शायरों ने हिंदी के साथ उर्दू को एक अलग पहचान दिलाने में अपनी भूमिका निभाई। नृत्य संगीत के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश की समृद्ध परंपरा रही है। उत्तर प्रदेश ने देश को नौ प्रधानमंत्री दिए।  राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार अपनी संस्कृति का संरक्षण किया है वह सराहनीय है। यहां धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को विकास में शामिल होना चाहिए ताकि सभी संपन्न हो सकें। समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पांच खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और नौ खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के तौर पर उन्हें कांस्य प्रतिमाए प्रशस्ति पत्र और 3.11.000 की धनराशि के चेक दिए गए। इस मौके पर प्रदेश में निवेश के लिए गोरखपुर के अमर तुलस्यान और चंद्र प्रकाश अग्रवाल सहित प्रदेश के 6 उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया। औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए इन्हें अंग वस्त्र और परस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।


झलकेगी पौराणिक संस्कृति
अवध शिल्पग्राम में प्रदेश की पौराणिक संस्कृति की झलक भी दिखेगी। समारोह में रामायणए महाभारत, कुंभ, दीपोत्सव और कृष्ण जन्मोत्सव के अलावा भी बहुत कुछ होगा। जौनपुर के फौजदार सिंह आल्हा तो लखनऊ के अजीत पांडेय भोजपुरी सुनाएंगे, जबकि ऊषा गुप्ता की कजरी और वंदना मिश्रा के अवधी गायन के साथ शबद, कीर्तन और गुरुवाणी को भी स्वर मिलेगा। जीवनराम का धोबिया और बांदा के रमेश पाल का पाई.डंडा नृत्य भी लोगों को आकर्षित करेगा।


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