शिविर में पहुंचे जिला मलेरिया अधिकारी डॉ एके पांडेय
सहजनवां/गोरखपुर। 22 जनवरी 2020 बुधवार को जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर एके पांडेय ने बुधवार को सहजनवां सीएचसी पर हाइड्रोसील सर्जरी शिविर का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि अगला शिविर पिपराईच सीएचसी पर लगेगा। उन्होंने बताया कि यह शिविर सीएमओ डॉक्टर श्रीकांत तिवारी के निर्देश पर लगाया गया। शिविर में अधीक्षक डॉक्टर सतीश सिंह का विशेष योगदान रहा।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया के कारण जनपद के करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग हाइड्रोसील से पीड़ित हैं। यह सर्वे बीते वर्ष फरवरी में किया गया था। नये सर्वे में यह संख्या बढ़ भी सकती है। इन डेढ़ हजार लोगों में से करीब 500 लोगों की सर्जरी जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की जा चुकी है। सर्जरी की सुविधा बिल्कुल निःशुल्क है। सर्जन डॉ. सूरज कुमार सिंह व डॉक्टर आनंद ने बुधवार को सहजनवां सीएचसी पर सर्जरी किया।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर जनपद फाइलेरिया की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में फाइलेरिया के 5500 रोगी है। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर वाउचेरिया ब्राक्फटाई नामक पैरासाइट का संक्रमण मरीज से स्वस्थ व्यक्ति में करता है। यह फाइलेरिया का वाहक है जो गंदगी में पाया जाता है। इसके पैरासाइट्स 20 साल तक शरीर में पड़े रहते हैं। अगर पांच साल तक डाईएथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) नामक दवा का एल्वेंडाजोल (कृमि नाशक दवा) के साथ परामर्श के अनुसार सेवन किया जाए तो इस बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकता है।
- फाइलेरिया के बारे में कुछ तथ्य
• फाइलेरिया को हाथी पांव नाम से भी जानते हैं। यह क्यूलेक्स नामक मादा मच्छर के काटने से होता है।
• इसके परजीवी 5 से 15 साल तक आदमी के शरीर में जिंदा रहते हैं। शरीर के जिस हिस्से में ये मर जाते हैं वहां सूजन शुरू हो जाता है।
• पैर में सूजन, हाइड्रोसील, हाथ में सूजन, महिलाओं के स्तन में सूजन इसके लक्षण है।
• दवा खाने पर एक साल के लिये फाइलेरिया से प्रतिरक्षित हो जाते हैं।
• पांच साल तक लगातार दवा खाने पर आप हमेशा के लिये प्रतिरक्षित हो जाते हैं।
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