गोरखपुर। पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक माघ माह का स्नान किया जाता है। कहा गया है कि इस महीने में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले मनुष्य पापमुक्त होकर स्वर्ग चले जाते हैवैसे तो माघ स्नान का महत्व प्रयागराज में है, क्योंकि महाभारत में कहा गया है कि माघ मास की अमावस्या को प्रयागराज में 3 करोड़ 10 हजार तीर्थों का समागम होता है। प्रयाग के अतिरिक्त काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र नदियों एवं तीर्थों में भी स्नान का बड़ा महत्व है। यह स्नान सूर्योदय के पूर्व किया जाता है।
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