आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु । वास्तु शांति यह वास्तव में दिशाओं का, प्रकृति के पांच तत्वों के प्राकृतिक स्त्रोतों और उसके साथ जुड़ी हुईं वस्तुओं के देव हैं। वास्तु शास्त्र प्राचीन विज्ञान है जो सृष्टि के मुरव्य तत्वों के द्वारा निःशुल्क देने में आने वाले लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। वास्तु का अर्थ है मनुष्य और भगवान का रहने का स्थान।
आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु। वास्तु शांति यह वास्तव में दिशाओं का, प्रकृति के पांच तत्वों के , प्राकृतिक स्त्रोंतों और उसके साथ जुड़ी हुइ वस्तुओं के देव हैं। हम प्रत्येक प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए वास्तु शांति करवाते हैं। प्रकृति या वातावरण के द्वारा होने वाले खराब असर को टालने के लिए आपको एक निश्चित वास्तु शांति करनी चाहिए। यदि बांधकाम वास्तु के नियमों के विरुद्ध करने में आया हो तो और उसके ढांचे के लिए धन की कमी महसूस हो महत्व के कमरे में अथवा बिल्डिग में इन्टिरियर में कोई खामी हो|
- जब कोड पराना घर खरीदे।
- जब हम सतत 10 वर्ष से कोई एक जगह में रह रहे हो
- बहत लंबे विदेश प्रवास के बाद घर वापस आ रहे हैं तब।
- नये घर के उदघाटन के समय।
ये हो सकते हैं पूजन
स्वस्तिवचन, गणपति स्मरण, संकल्प, श्री गणपति पूजन, कलश स्थापन और पूजन, पूनःवचन, अभिषेक, शोडेशमातेर का पूजन, वसोधेरा पूजन, औशेया मंत्रजाप, नांन्देशराद, आचार्य आदे का वरेन, योग्ने पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, अग्ने सेथापन, नवग्रह स्थापन और पूजन, वास्तु मंडला पूजन और स्थापन, गृह हवन, वास्तु देवता होम, बलिदान, पूर्णाहुति, त्रिसुत्रेवस्तेन, जलदुग्धारा और ध्वजा पताका स्थापन, गतिविधि, वास्तुपुरुष-प्रार्थना, दक्षिणासंकल्प, ब्राम्ळण भोजन, उत्तर भोजन, अभिषेक, विसर्जन
वास्तु सुझाव
- प्रत्येक सोमवार और अमावास्या के दिन रुद्री करें।
- घर में गणपति की मूर्ति या छबि रखें।
- प्रत्येक घर में पूजा कक्ष बहुत ज़रूरी है।
- नवग्रह शांति के बिना यह प्रवेश मत करें।
- जो मकान बहुत वर्षों से रिक्त हो उसको वास्तुशांति के बाद में उपयोग में लेना चाहिए। वास्तु शांति के बाद उस घर को तीन महिने से अधिक समय तक खाली मत रखें। अभंडार घर कभी भी खाली मत रखें।
- घर में पानी से भरा मटका हो वहां पर रोज सांझ को दीपक पुरुष , तांबा और पौला लाल कपड़े पूर्व दिशा रेती, काजूकपड़ों मंगलवार को और उसकीजलाएं |
- प्रति वर्ष यह शांति कराए क्योंकि हम अपने जीवन में बहुत से पाप करते रहते हैं।
वास्तु दोष के उपाय
घर या ऑफिस में हो वैसा वास्तु दोष को दूर करने के लिए कितने ही उपाय आजमा सकते हैं।
- गणेश पूजा, नवग्रह शांति और वास्तु पुरुष की पूजा
- नवचंडी यज्ञ, शांतिपाठ, अग्नि होत्र यज्ञ
- वास्तु पुरुष की मूर्ति, चांदी का नाग, तांबा का वायर, मोती और पौला ये सब वस्तुएं लाल मिटटी के साथ लाल कपड़े में रखकर उसको पूर्व दिशा में रखें।
- लाल रेती, काजू, पौला को लाल कपड़ों में रख कर मंगलवार को पश्चिम दिशा में रखें और उसकी पूजा कीजाएं है तो घर में शांति की वृद्धि होती है। वास्तु पुरुष की योग्य पूजा बाद उसकी आज्ञा प्राप्त करने के बाद पुरानी इमारत तोड़नी चाहिए।
- तोड़ते समय मिट्टी का घड़ा, जल अथवा बैठक घर में नहीं ले जानी चाहिए।
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