- शनि स्वराशि में और शुक्र उच्च राशि में रहेगा
- शिवरात्रि पर 28 साल बाद बनेगा विष योग
- 21 फरवरी को बुध-आदित्य और सर्प योग भी रहेगा
- शुक्रवार को सायं 5 : 36 बजे से लग रहा है महाशिवरात्रि
- शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा
वाराणसी। इस बार 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग शिवरात्रि पर बन रहा है। महाशिवरात्रि शुक्रवार 21 फरवरी को मनाई जाएगी। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिव पूजा का महापर्व शिवरात्रि मनाया जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. भरत मिश्र के अनुसार जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र मकर राशि में होता है, तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात ये पर्व मनाया जाता है। 21 फरवरी की शाम 5:36 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी; उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। शिवरात्रि रात्रि का पर्व है और 21 फरवरी की रात चतुर्दशी तिथि रहेगी; इसलिए इस साल ये पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा।
117 बाद शिवरात्रि पर शनि.गुरु का दुर्लभ योग
पं. मिश्र के अनुसार इस साल शिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। पंण् शर्मा के मुताबिक ये एक दुर्लभ योग है, जब ये दोनों बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे। 2020 से पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक ऐसा ही योग बना था और शिवरात्रि मनाई गई थी। इस साल गुरु भी अपनी स्वराशि धनु में स्थित है। इस योग में शिव पूजा करने पर शनि, गुरु, शुक्र के दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है। 21 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। पूजन के लिए और नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए ये योग बहुत ही शुभ माना गया है।
28 साल बाद बनेगा विष योग
इस साल शनि ने 23 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश किया है। शिवरात्रि यानी 21 फरवरी पर शनि के साथ चंद्र भी रहेगा। शनि.चंद्र की युति की वजह से विष योग बन रहा है। इस साल से पहले करीब 28 साल पहले शिवरात्रि पर विष योग 2 मार्च 1992 को बना था। इस योग में शनि और चंद्र के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए। शिवरात्रि पर ये योग बनने से इस दिन शिव पूजा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। कुंडली में शनि और चंद्र के दोष दूर करने के लिए शिव पूजा करने की सलाह दी जाती है।
बुध-आदित्य और सर्प योग भी रहेंगे
बुध और सूर्य कुंभ राशि में 21 फरवरी को एक साथ रहेंगे, इस वजह से बुध-आदित्य योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य रहेंगे, इस वजह से सर्प भी बन रहा है। शिवरात्रि पर राहु मिथुन राशि में और केतु धनु राशि में रहेगा। शेष सभी ग्रह राहु-केतु के बीच रहेंगे। सूर्य और बुध कुंभ राशि में, शनि और चंद्र मकर राशि में, मंगल और गुरु धनु राशि में, शुक्र मीन राशि में रहेगा। सभी ग्रह राहु-केतु के बीच होने से सर्प योग बनेगा।
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