प्रयागराज। माघ मेला के पांचवें व अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर रविवार को संगम पर आस्था की लहरें उमड़ पड़ीं। आधी रात को ही संगम जाने वाले मार्गों से लेकर घाटों की सर्क्युलेटिंग एरिया तक भीड़ के चलते तिल रखने की जगह तक नहीं बची। रेती पर जप तप, ध्यान के साथ अन्न-वस्त्र का दान करने की होड़ मची है।
मेला प्रशासन ने दिन के 11 बजे तक 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के संगम पर डुबकी लगाने का दावा किया है। माघी पूर्णिमा स्नान के लिए आधी रात से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। उदया तिथि की मान्यता की वजह से सूर्योदय केसाथ ही माघी पूर्णिमा स्नान आरंभ हुआ। कुछ दूर-दराज इलाके से आए श्रद्धालु डुबकी लगाकर निकलते रहे तो तमाम लोगों को सूर्योदय का इंतजार था।
संगम पर जयकारे गूंजते रहे और अर्घ्यदान के साथ ही दीपदान भी होता रहा। भोर से ही इससे पूर्व ही संगम पर स्नान-दान आरंभ हो गया। सभी सेक्टरों के मार्गों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से भी ललोग संगम की ओर बढ़ते रहे।
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