ममता, करुणा और त्याग की मूरत होती है मां : दुर्गा प्रसाद

दया ,करुणा व त्याग की प्रतिमूर्ति थी मां अकलेश



 गोरखपुर। मां अकलेश  स्मृति राष्ट्रीय सेवा परिषद व मांगिरीश वेफेयर  के तत्वावधान में रविवार को मां अखलेश की पुण्यतिथि पर महंत रविन्द्र दास ( धर्माचार्य व पीठाधीश्वर श्री संकट मोचन कालीबाड़ी मंदिर रेती चौक) व प्रमुख समाजसेवी श्री दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव जी एवं परिवार के सदस्यों के द्वारा श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि ,भजन कीर्तन, भंडारा,महाप्रसाद व  स्थानीय मंदिरों के आसपास रहने वाले दीन दुखियों को भोजन एवं वस्त्र वितरित किया गया तत्पश्चात गोलघर स्थित एचपीपीडी स्कूल परिसर में एक विशेष आयोजन  के अंतर्गत  की 21वीं पुण्यतिथि पर समाज के सभी वर्गो  के लोगो ने व बच्चों द्वारा मां अक लेश  की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर  मां को श्रद्धांजलि दी गयी ।
ततश्चात प्रसिद्ध भजन गायक ओम प्रकाश गुप्ता सहित परिवार की महिलाओं द्वारा सु मधुर स्वरों में भजन  का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया इस अवसर पर  अतिथि महंथ रविन्द्र दास व बाबू जी दुर्गा प्रसाद जी ने अपने संबोधन में कहा कि एक समाज सेविका के रूप में ममता मयी   मां अकलेश   की भूमिका सदा याद रखा जाएगा   मां अकलेश ने अपने जीवन काल में जरूरतमंदों के साथ-साथ सामाजिक उत्थान की दिशा में निरंतर मानव मात्र के प्रति दया करुणा एवं प्रेम का  भाव विद्यमान रहता था अपने स्वभाव के अनुरूप ही जीवन भर कमजोर महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए हर समय मदद करने को तत्पर रहती थी उन्होंने जो कुछ भी किया किया हम सभी के उनकी सेवाओं को से सीख लेनी चाहिए।
 इस अवसर पर समर्पित समाज सेवी एवं ई प्रदीप कुमार(सेक्रेटरी ,सी एस टी ई, एन. ई .रेलवे) डॉ मनोज कुमार(विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र सेडीका) ने कहा कि मां के जैसी पुण्य आत्मा की स्मृति में दीन दुखियों के प्रति दया करुणा एवं सहानुभूति का भाव रखते हुए उनकी हर तरह से सहायता करना हमारा धर्म है। समाज के विकास की धारा को तभी सही दिशा मिल सकेगी जब हर वर्ग अपनी जरूरतों को पूरा पूरी कर सके। और अपनी जरूरतों को सुनिश्चित करने में सफल हो, ऐसा तभी संभव है जब आर्थिक सामाजिक दृष्टि से कमजोर वर्ग की हरसंभव सहायता हो, और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें ।
परिषद कई वर्षों से इस दिशा में बेहतर प्रयास कर रहा है
 इस अवसर पर अपने संबोधन में मांगीरिश् वेलफेयर के मुखिया ई.संजीत श्रीवास्तव व स्मिता श्रीवास्तव ने कहा कि मां अकलेश   ने महिलाओं व बच्चियों के  समस्याओं को  उठाते हुए विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि मानव मात्र के प्रति दया करो एवं प्रेम व सहयोग की भावना से कार्य करना चाहिए। मां अकलेश की 
समाज की सेवा को हमेशा ये समाज याद रखे गा।
 मां अकलेश ने  ग़रीब परिवारों की महिलाओं की सहायता एवं सेवाओं से अपने जीवन का अधिकांश समय दिया। 
इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रमुख प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डॉक्टर ओपी श्रीवास्तव प्रसिद्ध फिजीशियन मेजर डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव, मधु सुदन लाल, सुषमा, बिंदु प्रकाश ,कुमकुम रमन जी ,अनीता, अरविंद कुमार, साधना अरविंद कुमार ,अनिता कृष्ण कुमार ,कंचन, श्री प्रकाश श्रीवास्तव श्रीवास्तव अरविंद सिंह , राकेश, संगीता , अर्चना, विभा , निवेदिता,स्मिता,मनीषा,इं.रंजीत कुमार, निवेदिता,अजय आशीष कुमार,रवि प्रकाश,श्री प्रकाश,मनीष चंद,राजेश,पंकज,निर्मल , ई अनुभव श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में हर समाज के लोग उपस्थित थे।


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