गोरखपुर।भीमबेटका गुफाओं की खोज करने वाले पद्मश्री डा. विष्णुश्रीधर वाकणकर की जीवन यात्रा को संस्कार भारती के कलाकारों ने रेत शिल्प के माध्यम से उकेरा। गुफाओं में खोज के दौरान मिले शैलचित्रों को बड़े ही बीकियों से उभारा गया। इस गुफा को करीब पांच घंटे में 15 कलाकारों ने निर्मित किया।
राजघाट के राप्तीतट पर सुबह आठ बजे कार्यक्रम संयोजक भाष्कर विश्वकर्मा के नेतृत्व में इन कलाकारों ने आठ फीट ऊंची गुफा और उसके भीतर मिले चित्रों को हूबहू बनाने ने सफलता प्राप्त की। दोपहर में दो बजे संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद, व रविशंकर खरे वहां बनाए गए डा. विष्णु वाकणकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया और गुफा का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि रेत शिल्प के माध्यम से कलाकारों ने संस्था के संस्थापक महामंत्री डा. वाकणकर की खोज को बनाकर उनके मनाए जा रहे जन्मशताब्दीवर्ष के तहत सच्ची श्रद्धांजलि दी है। संचालन रेत शिल्प संयोजक संदीप श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर सभी को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। कलाकारों में वरिष्ठ शिल्पकार सुशील गुप्ता, संतकिशोर, धर्मराज, अखिलेश, अनिल प्रजापति, नंद किशोर, सुनील, सुमित, शिवम आदि शामिल रहे। इस मौके पर संस्था की ओर से डा. आशीष श्रीवास्तव, संगीता भाष्कर, प्रेमनाथ, सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी मौजूद रहे।
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