भाजपा विधायक व पूर्व ए एस पी निगम विवाद के दर्ज मकादमे को वापस करेगी योगी सरकार

तीन साल पुराना मुकदमा होगा वापस, नगर विधायक का जताया आभार



गोरखपुर। चिलुआताल थाना क्षेत्र के भगवानपुर में सड़क जाम करने के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे वापस होंगे। सड़क जाम करने के दौरान तत्कालीन एएसपी चारू निगम के साथ नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल की नोकझोक हुई थी। तब यह विपक्ष ने विधायक पर तीखे हमले किए थे। अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में विधायक और एएसपी के बीच हॉट—टॉक का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।



आंखों से कण निकालीं एएसपी, वायरल हुआ रो पड़ीं 


बात वर्ष 2017 में उस समय की है योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने तो भगवानपुर कोईलहवा में लोगों ने शराब की दुकान बंद कराने की मांग उठाई। चिलुआताल पुलिस ने सहयोग नहीं किया तो लोग सड़क पर उतर आए। भगवानपुर के पास ही रोड जाम करके प्रदर्शन करने लगे। इसकी सूचना पाकर नगर विधायक डॉ. राधा मोहनदास अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। जनता के साथ खड़े विधायक ने उनकी मांगों का समर्थन करते हुए दुकान बंद कराने की मांग की। सीओ गोरखनाथ का चार्ज संभाल रहीं एएसपी चारू निगम फोर्स के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने पब्लिक को हटाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया। इस दौरान विधायक के साथ उनकी कहासुनी हुई। तभी एएसपी की आंखों में धूल के कण पड़ गए जिसे निकालने के लिए उन्होंने रुमाल लगाया तो उनकी आंखों से आंसू आ गए। इस तमाम मोबाइल कैमरों में कैद हुए वीडियो को विपक्ष ने तिल का ताड़ बना दिया। कहा गया कि विधायक की डांट से एएसपी रो पड़ीं। इस मामले का वीडियो वायरल होने पर चारू निगम ने खुद ही बताया था कि धूल का कण पड़ने से उनकी आंखों में आंसू आए थे।


नगर विधायक का जताया आभार 


इस मामले में पार्षद राजकुमार सहित 18 नामजद और सौ से अधिक अज्ञात लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए। पुलिस ने कई दिनों तक दबिश देकर आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की। उत्पीड़न के खिलाफ विधायक ने विरोध मुखर किया तो पुलिस शांत हुई। इस मामले में करीब ढाई साल के बाद प्रदेश सरकार के विधि, न्याय तथा ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री ब्रजेश पाठक ने ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश डीएम गोरखपुर के दिए हैं। इससे ​भगवानपुर के लोग काफी खुश हैं। लोगों ने नगर विधायक का आभार जताया है कि उनके प्रयास से यह सफलता मिली। मुकदमा वापस होने पर पुलिस किसी का बेवजह उत्पीड़न नहीं कर सकेगी।


Comments