एक्टिव केस डिटेक्शन के लिए प्रशिक्षित हुईं फ्रंट लाइन वर्कर्स 

-डब्लूएचओ के सहयोग से आशा संगिनी का हुआ प्रशिक्षण 



देवरिया 22 जुलाई 2020। दस्तक अभियान के तहत कालाजार के एक्टिव केस डिटेक्शन (एसीडी) अभियान की सफलता के लिए बनकटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर आशा संगिनियों को प्रशिक्षित किया गया। डब्लूएचओ के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ सागर घोड़ेकर ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कालाजार के एक्टिव केस डिटेक्शन (एसीडी) अभियान  को सफल बनाने का तरीका बताया।
आशा संगिनियों को प्रशिक्षित करते हुए डॉ. सागर ने कहा आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार के सक्रिय मरीज भी ढूंढेंगी। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कालाजार के (एसीडी) अभियान के जरिये जो भी संभावित मरीज ढूंढे जाएंगे उनकी कालाजार की आरके-39 जांच के अलावा  टीबी और एचआईवी जांच भी कराएंगी । उन्होंने बताया कि कालाजार उन्मूलन में बीमारी की समय से पहचान और अतिशीघ्र इलाज का अहम योगदान होता है। समय से इलाज न मिलने पर अधिकांश  मामलों में मृत्यु का खतरा रहता है। अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार आ रहा हो, पेट में सूजन हो, वजन कम हो रहा हो और भूख में कमी जैसे लक्षण हैं तो वह कालाजार का संभावित मरीज हो सकता है। एसीडी के दौरान ऐसे संभावित मरीजों को सीएचसी-पीएचसी और जिला अस्पताल भेज कर आरके-39 जांच करवानी है। जांच में कालाजार की पुष्टि होने पर 48 घंटे के भीतर इलाज शुरू कर देना है। चर्म रोग संबंधित कालाजार मरीजों में केस हिस्ट्री पर भी नजर रखनी है। इस कालाजार का प्रमुख लक्षण शरीर में सफेद दाग, चकत्ते और गांठें हैं। वीबीडी परामर्शदाता डॉ.  एसके पाण्डेय ने कहा आशा कार्यकर्ता दस्तक अभियान के दौरान इन लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रयास करेंगी और ऐसे मरीजों की रिपोर्टिंग ब्लॉक पर करेंगी।
प्रशिक्षण के  दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष कुमार, मलेरिया इंस्पेक्टर ताज मोहम्मद, आशा संगिनी ममता, मालती, अंजना सिंह, शशि  रेखा, गीता, सरोज, शकुंतला, सविता  अनीता, सुशीला सहित अन्य आशा संगिनी मौजूद रहीं।
कालाजार के लक्षण
वीबीडी परामर्शदाता ने बताया कालाजार सैंड (बालू) मक्खी से फैलने वाली बीमारी है । यह मक्खी नमी वाले स्थानों व अंधेरे में पायी जाती है। यह मक्खी तीन से छह फुट तक उड़ पाती है। इस मक्खी के काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे रूक-रूक कर बुखार चढ़ता उतरता है। इस बीमारी से मरीज का पेट फुल फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। लक्षण दिखने पर मरीज को तत्काल चिकित्सक को से दिखाना चाहिए।


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