- उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) ने लांच किया है ऐप
- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज का केयर गिवर रोज अंकित करेगा ऐप में सूचना
देवरिया। होम आइसोलेशन में रखे गए कोरोना उपचाराधीन व्यक्तियों की निगरानी होम आइसोलेशन ऐप के जरिए की जा रही है। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) ने इस ऐप को लांच किया है। इस ऐप में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज का केयर गिवर रोज सूचनाओं को अंकित करेगा जो सीधे उस मरीज की निगरानी में लगी आरआरटी टीम के सम्बन्धित चिकित्सकों तक पहुंच जाएगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में 47 कोरोना उपचाराधीन व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जब किसी कोरोना उपचाराधीन व्यक्ति को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलती है तो उसके मोबाइल फोन में सेल्फ क्वारंटाइन ऐप डाउनलोड करके उसका पंजीकरण कर दिया जाता है। इसके बाद उसका केयर गिवर उसमें उसकी रोज की गतिविधि को अर्थात दिल की धड़कन, आक्सीजन का प्रवाह, शारीरिक तापमान के साथ ही अन्य जानकारियों को अपडेट करता रहता है। यह सूचना ब्लाक स्तर पर आरआरटी ( रैपिड रिस्पांस टीम ) के साथ ही जिला स्तर पर निगरानी में लगाए गए चिकित्सकों व प्रदेश स्तर तक पहुंच जाती है। होम आइसोलशन में रह रहे व्यक्ति को अगर कोई परेशानी होती है तो तुरन्त उसे कोविड हास्पिटल में भेजा जाता है।
किन लोगों को होम आइसोलेशन की छूट नहीं-
- एचआईवी ,कैंसर पेसेंट, प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है।
- मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के बाद ही इन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी।
- 60 साल से ऊपर के मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर तय होगा।
इसके अलावा डायबटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से सबंधित गंभीर बीमारी वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन की छूट मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर मिलेगी।
होम आइसोलेशन के लिए जरूरी निर्देश
- होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को परिवार के सदस्यों से बिलकुल अलग-थलग रहना होगा।
- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल के लिए 24 घंटे एक केयर गिवर होगा. जो अस्पताल और मरीज के बीच सेतु का काम करेगा ।
- होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए जो पूरी तरह सक्रिय हो।
केयर गिवर के लिए निर्देश
· केयर गिवर को हमेशा मास्क और ग्ल्ब्स लगाना होगा।
· उसे दिन में एक बार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन की गोली लेनी होगी।
· मरीज से कम से कम काण्टैक्ट में रहना होगा।
· एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड से पूरे कमरे को सेनेटाइज करना होगा।
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