जानिए हरियाली तीज से लेकर रक्षाबंधन तक बन रहे हैं इन विशेष योग के बारे में

जानिए आचार्य पंडित शरद चन्द्र मिश्र के द्वारा हरियाली तीज से लेकर रक्षाबंधन तक के विशेष योग 


 


सोमवती अमावस्या 20 जुलाई को था और इस बार सावन माह में 20 साल बाद सोमवती अमावस्या का योग बना है। इससे पूर्व 31 जुलाई 2000 को सावन के महीने में सोमवती अमावस्या मनाई गई थी। अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। दूसरी ओर सावन माह के अंतिम 15 दिन में आज से लेकर 3 अगस्त तक कई बड़े पर्व आ रहे हैं, जिनमें रक्षा बंधन, नागपंचमी, हरियाली तीज, पुत्रदा एकादशी आदि शामिल हैं। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इन त्योहारों पर काफी दुर्लभ योग भी बनेंगे और काफी शुभ मुहूर्त भी हैं।


 


सोमवती अमावस्या



सावन माह की कृष्णपक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस बार हरियाली और सोमवती अमावस्या एक ही दिन मनाई गई। सोमवार को 9 में से 5 ग्रह अपनी अपनी राशि में रहें और बुध मिथुन में, गुरु धनु में, शुक्र वृषभ और शनि मकर राशि में। इस दिन भोलेनाथ की पूजा करते हुए महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और पीपल के वृक्ष में शिवजी का वास मानकर उसकी पूजा और परिक्रमा के लिए जाती हैं। पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के सभी दिन श्राद्ध की रस्मों को करने व कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी यह दिन उपयुक्त है। सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करना, ओंकार का जप करना, सूर्य नारायण को अर्घ्य देना अत्यंत फलदायी है।


 


सोमवती अमावस्या पर बन रहे हैं शुभ योग, इन उपायों से चमका सकते हैं किस्मत



16 शृंगार कर गाती हैं लोकगीत


सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ माने जाने वाला हरियाली तीज त्योहार 23 जुलाई को होगा। महिलाएं सोलह शृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। गीत गाए जाते हैं। पौधारोपण किया जाता है।


 


नागपंचमी पर पूजा से शांत होते हैं राहु-केतु



25 जुलाई को नागपंचमी है। इस बार नागपंचमी शनिवार को है। इस दिन शिव जी के प्रिय नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन चार ग्रह बुध, गुरु, शुक्र व शनि अपनी अपनी राशि में रहेंगे और इस पंचमी पर नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष भी दूर हो सकते हैं। नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 05 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 22 बजे तक तक करीब 2 घंटे 43 मिनट की अवधि तक रहेगा।


 


पुत्रदा एकादशी पर मांगती हैं लंबी उम्र



27 जुलाई को सावन का सोमवार होगा और 28 जुलाई को मंगलगौरी व्रत, जबकि 30 जुलाई को सावन माह की एकादशी होगी। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं और भगवान शिव की आराधना करती हैं और भगवान विषणु का व्रत रखा जाता है। मंगलगौरी व्रत में देवी पार्वती की पूजा की जाती है।



1991 के बाद रक्षाबंधन पर विशेष योग


आचार्य पंडित शरद चन्द्र मिश्र ने बताया कि भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंध 3 अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा। 1991 के बाद यह पहला मौका है जब रक्षाबंधन पर विशेष संयोग बन रहा है। पूर्णिमा तिथि पर सूर्य, शनि के सप्तक योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर राशि का चंद्रमा, श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सावन माह के आखिरी सोमवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा और 4 अगस्त से भाद्र मास शुरू हो जाएगा।


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