कच्चे मकान वाले कालाजार रोगियों को मिलेगा पक्का आवास 

- पांच ब्लॉकों के 29 गांवों में पात्रों का होगा सर्वे 


-पिछले तीन वर्षों में मिले रोगियों का पात्रता के आधार पर होगा चयन 



देवरिया। शासन की मंशा और जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के कच्चे मकानों में रहने वाले कालाजार रोगियों को पक्का आवास दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पहल शुरू कर दी है। इस बारे में संबंधित खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को जिला प्रशासन ने सर्वे करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पिछले तीन सालों में मिले कालाजार रोगियों की सूची तैयार कर भेज दिया है। विभाग का मानना है कि इनका पक्का मकान बन जाने से कालाजार की रोकथाम में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग निरंतर इन रोगियों की देखभाल में जुटा है। फिलहाल सभी रोगी ठीक हैं।


 सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है, यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। कालाजार से बचाव के लिए कच्चे मकान वाले कालाजार रोगियों को पक्का आवास दिया जायेगा। आवास के लिए राशि उन्हें सरकारी योजनाओं के आधार पर ही उपलब्ध कराया जाएगी ताकि जल्द से जल्द ये लोग साफ सुथरे घरों में रह सकें। उन्होंने बताया जिले के कालाजार प्रभावित बनकटा, भाटपाररानी, पथरदेवा, बैतालपुर, भलुअनी और भटनी ब्लाक के 29 गांवों में कच्चे मकान वाले कालाजार रोगियों का सर्वे कराया जायेगा। इन ब्लॉकों के जगदीशपुर, राजपुर कठेरिया, खेमीपुर, गजहड़वा, खड़सरवा बुजुर्ग, सिरिसिया पवार, नियरवा, खुरवासिया, बसावनचक, चंदाचक, परसिया छितही सिंह, भिंगारी, धरमखोर, पिपरा बिठ्ठल, भाटपाररानी, कोला छापर, बटुलही, सुरवल, रोहिनिया, दिनाचौक, छपिया बघेल, नेउराहा, मिश्रोली, मदन चौक, हाटा, मोतीपुर, रघुनाथपुर, खामपार, धुसवा, अहिरौली बघेल आदि गांवों में कच्चे मकान वाले कालाजार मरीजों का चयन कर उन्हें आवास की धनराशि आवंटित की जाएगी। 


तीन वर्षों के मरीजों के आंकड़े 


पिछले तीन वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2018 में 41, 2019 में 42 मरीज व 2020 में अब तक 10 कालाजार के मरीज मिले हैं। इन सभी का इलाज कराया गया, रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।


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