कोरोना के गंभीर मरीजों की जान पर आफत, बीआरडी में भर्ती के लिए लगा नो एंट्री का बोर्ड

गोरखपुर-बस्ती मंडल का एकलौता लेवर टू और थ्री का अस्पताल है मेडिकल कॉलेज गंभीर लक्षण वाले मरीज खुद इलाज की करें व्यवस्था



गोरखपुर। जिले में कोरोना के गंभीर मरीजों की जान पर आफत है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 40 बेडों का वेंटीलेटर फुल है। अब मरीजों की भर्ती के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया गया। इस सिलसिले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) व प्रशासनिक अफसरों से बात भी की है। प्राचार्य ने साफ कहा है कि मरीजों को मेडिकल कॉलेज न रेफर कराया जाए। कोरोना वार्ड एकदम फुल है।


कोरोना मरीजों की संख्या के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड फुल है। लिहाजा मरीजों को वापस किया जा रहा है। गत शनिवार को ही एक बुजुर्ग महिला को भर्ती नहीं किया गया। अब प्राचार्य ने गंभीर मरीजों को भर्ती करने में असमर्थता जताई है। इससे चुनौती और बढ़ गई है। मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है।


गोरखपुर में ही एक हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। तमाम मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन या फिर वेंटीलेटर की तत्काल जरूरत पड़ती है। मेडिकल कॉलेज गोरखपुर-बस्ती मंडल का एकमात्र लेवल टू-थ्री का अस्पताल है, जो कि आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस है। अब सवाल उठता है कि दोनों मंडल के गंभीर मरीजों को कहां भर्ती किया जाएगा? ऐसे मरीजों को वेंटीलेटर व ऑक्सीजन की आवश्यकता ज्यादा होती है।  


 


गंभीर लक्षण वाले मरीज खुद इलाज की करें व्यवस्था


स्वास्थ्य विभाग अब तक कोरोना की तैयारियों को लेकर जो दावे करता रहा है, वह पूरी तरह से फेल है। अलक्षणिक मरीजों को तो किसी तरह भर्ती कर दिया जा रहा है, लेकिन गंभीर मरीजों के इलाज की कोई खास व्यवस्था नहीं है। हालात ऐसे हैं कि गंभीर मरीजों और उनके परिजन खुद ही इलाज की व्यवस्था करनी है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो मरीज की जान पर आफत आनी तय है। मेडिकल कॉलेज के अलावा शहर में लेवल टू व थ्री के अस्पताल नहीं है, जहां गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सके। सभी मरीजों को मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। कॉलेज प्रशासन उन्हें एडमिट करने की स्थिति में नहीं है।


 


कमिश्नर, डीएम और सीएमओ से कर चुके हैं अपील


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि कमिश्नर, एडी हेल्थ, डीएम और सीएमओ को इस बात की जानकारी दी जा चुकी है कि मेडिकल कॉलेज में जगह नहीं है। ऐसे में मरीजों को रेफर करने से पहले बीआरडी की स्थिति जरूर जान लें। इसके बाद भी लोग बीआरडी में सीधे मरीज रेफर कर दे रहे हैं।


 


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि कोरोना वार्ड पूरी तरह से फुल है। एक भी बेड खाली नहीं है। सीएमओ व जिला प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि अब मरीजों को यहां न भेजें।


 


क्या है लेवल वन, टू, थ्री अस्पताल


सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि क्वारंटीन सेंटर 90 बेड के टीबी अस्पताल में लेवल टू की व्यवस्था की गई है। एक-दो दिन में वहां मरीजों को भर्ती किया जाएगा। रेलवे अस्पताल को भी लेवल-टू बनाने का प्रयास चल रहा है।


लेवल वन अस्पताल में उन मरीजों को भर्ती किया जाता है, जो पॉजिटिव हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं होता है। लक्षण आने पर उन्हें लेवल टू और स्थिति गंभीर होने पर लेवल थ्री अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है। लेवल थ्री अस्पताल आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस होते हैं।


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