कोरोना मरीजों के लिए गीडा के उद्यमी ने बनाया आइसोलेशन बेड



गोरखपुर। गीडा के उद्यमी ने कांटेक्ट लेस आइसोलेशन बेड की डिजाइन तैयार जिसे 144 वर्ग फुट के छोटे से कमरे में रखकर चार लोगों का इलाज हो सकेगा। उद्यमी ने सरकारी से लेकर प्राइवेट एजेंसियों को लागत मूल्य पर बेड देने का ऑफर दिया है।


प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड की मांग बढ़ रही है। सरकारी अस्पताल और नर्सिंग होम में सर्वाधिक दिक्कत स्पेस की है। इसे देखते हुए गीडा की फर्नीजर बनाने वाली फैक्ट्री में कान्टेक्ट लेस आइसोलेशल बेड की डिजाइन तैयार की गई है। फैक्ट्री के निदेशक डॉ.आरिफ साबिर ने बताया कि चिकित्सकों की सलाह से कान्टेक्ट लेस बेड तैयार किया गया है। ऐसी ही डिजाइन अमेरिका और जर्मनी में प्रयोग में लाई गई है। सिर्फ 144 वर्ग फुट की छोटे से जगह में चार मरीजों को एक साथ रखा जा सकता है। मरीज एक-दूसरे के संपर्क में भी नहीं आएंगे और चिकित्सक भी राउंड के समय उन्हें आसानी से देख सकेंगे। बेड में वेंटिलेटर से लेकर सभी जरूरी चिकित्सा उपकरणों को आसानी से रखा जा सकता है। बेड के बीच छह फीट लकड़ी की दीवार है जिससे मरीज एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे।


22 से 25 हजार में तैयार होंगे चार बेड


फैक्ट्री के निदेशक डॉ.आरिफ बताते हैं कि चार बेड की अनुमानित लागत 22 से 25 हजार रुपये आएगी। चिकित्सा विभाग से जुड़े सभी जिम्मेदारों को बेड की डिजाइन भेजी जा रही है। बेड को लेकर निजी या सरकारी आर्डर मिलता है तो जर्मनी और इटली की अत्याधुनिक मशीनों से काफी कम दिनों में काफी बेड तैयार हो जाएंगे। पांच हजार बेड तैयार करने में बमुश्किल 10 से 12 दिन लगेंगे। आरिफ का कहना है कि कोरोना संकट में विशेष तौर पर ये डिजाइन की गई है। आर्डर मिले तो बिना मुनाफे के सप्लाई करेंगे।


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