नागपंचमी पर कराएं काल सर्प दोष पूजा - नागवासुकि मंदिर, प्रयागराज


पूजा के शुभ फल :



  • काल सर्प से जुड़ी नकारात्मकता समाप्त होती है। 

  • निजी एवं पेशेवर जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है। 

  • प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है। 

  • विरोधियों को पराजित करने में समर्थ होतें है। 

  • विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती है।


प्रयागराज। हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी प्रकार का दोष मनुष्य के लिए बहुत ही हानिकारक साबित होता है। यह सभी किसी न किसी माध्यम से मनुष्य जीवन को परेशानियों से भर देतें है। काल सर्प दोष की स्थिति किसी भी व्यक्ति की कुंडली में तब उत्पन्न होती है जब कोई भी अन्य ग्रह राहु और केतु के मध्य में आकर विराजित हो जाता है। काल सर्प दोष होने के कारण एक व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विपदाओं का सामना करना पड़ता है। 


बहुत से संयोग ऐसे होतें है जिसमें व्यक्ति बहुत परिश्रम करता है परन्तु इस दोष के कारण उसे पर्याप्त फल की प्राप्ति नहीं होती है। जिसके कारण उसे बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उसका व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन आपदाओं से घिरा रहता है। कहा जाता है की इस दोष से परेशान व्यक्ति बहुत प्रभावशाली होतें है जिसके लिए इस दोष का निवारण करना और भी जरुरी हो जाता है ताकि उनकी प्रभावशाली शक्ति सकारात्मक दिशाओं में काम कर सके।


 


हमारी सेवाएं :


हमारें प्रतिष्ठित पंडित जी द्वारा विधि - विधान से पूजन करके मंत्रों का जाप एवं हवन किया जायगा। अनुष्ठान से पूर्व से पंडित जी द्वारा फ़ोन के माध्यम से संकल्प करवाया जाएगा।


 


जानिये हमारे पंडित जी के बारे में


पंडित अनिल कुमार त्रिपाठी जी , नागवासुकि मंदिर प्रयागराज के सेवा पंडित है। उनका शुरू से ही पूजा पाठ में विशेष मन लगता था। वह पिछले 14 वर्षों से इस मंदिर में पूजा - पाठ करवा रहे है। जब की वास्तविकता में उन्होंने अपने जीवन के 20 वर्ष ईश्वर की आराधना में व्यतीत किये हुए है। उन्होंने अपनी आचार्य की शिक्षा सम्पूर्णानंद महाविद्यालय , वाराणसी से पूर्ण की है। साथ ही उन्होंने अपनी शास्त्री की शिक्षा सम्पूर्णानंद से पूर्ण की है। वह कर्मकांड में विशेषज्ञ है और साथ ही विशेष पूजा - अर्चना करवाने में महत्वपूर्ण ज्ञान रखतें है।


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