पति की अर्थी उठने से पहले पत्नी हो गई सती, एक साथ दोनो की मौत पर फुट पड़ा पूरा गांव


संतकबीरनगर। सती प्रथा की याद को ताजा कर गई मालती।उसने पति की मौत पर खुद अर्थी पर हमेशा के लिए लेट गई। मामला कोतवाली क्षेत्र के भैंसहिया गांव के बीमार सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक की सोमवार शाम को मौत हो गई। अभी परिजन उनकी अर्थी उठाने की तैयारी में थे कि सदमे में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। एक साथ दंपती की अर्थी उठी तो गांव के लोग रो पड़े। गांव के सीवान में एक ही कब्र में दोनों के शव को दफनाया गया।


भैंसहिया गांव निवासी 70 वर्षीय सीताराम दस साल पूर्व परिषदीय स्कूल से प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी पत्नी मालती की उम्र 65 थी। उनके तीन बेटे अशोक कुमार, दिलीप कुमार व कृष्ण कुमार और बेटी शिमला है। सभी बेटे और बेटी की शादी हो चुकी है।


बड़े बेटे दिलीप कुमार ने बताया कि उनके पिता सीताराम को कैंसर की बीमारी थी। पीजीआई लखनऊ से उपचार चल रहा था। सोमवार को पिता की तबीयत अधिक बिगड़ गई। अभी उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि मौत हो गई। परिवार के लोग अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे।


लोगों ने पीड़ित परिवार को बंधाया ढांढस


अर्थी उठाने का वक्त जैसे ही आया, उसी समय मां मालती की भी सदमे से मौत हो गई। दो घंटे के अंतराल में मां-बाप की मौत से परिवार सदमे में है। गांव के लोग भी दुखी थे। गांव के सीवान में एक ही कब्र में मां-बाप के शवों को दफनाया गया।


पीड़ित परिवार को गांव निवासी निवर्तमान प्रदेश सचिव सपा मोहम्मद ओवैस, संत कुमार यादव, नूरुल हसन, मकसूदुल हसन, गुड्डू वर्मा, विजय यादव, नीलकमल मिश्र, अत्रेश श्रीवास्तव, फिरोज आलम, राजकमल मिश्र, कृतेश पासवान, प्रधान अजय यादव, शैलेंद्र यादव, नितेश श्रीवास्तव, रमा शंकर लाल श्रीवास्तव आदि ने ढांढस बंधाया।


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