रक्षाबंधन पर भद्रा के बावजूद अबकी रहेंगे ये शुभ संयोग, भाई-बहन हो जाएं खुश

रक्षाबंधन पर आखिरी सोमवार



भाई और बहन के पवित्र और निस्‍वार्थ प्रेम का त्‍योहार रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। आचार्य पंडित शरद चन्द्र मिश्र के अनुसार इस बार रक्षाबंधन 3 अगस्‍त को पड़ रहा है और इसी दिन सावन का समापन और आखिरी सोमवार भी पड़ रहा है। भद्रा होने के बावजूद इस बार रक्षाबंधन का त्‍योहार विशेष शुभ योग योगों के बीच मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर इस बार 29 साल बाद विशेष संयोग पड़ रहा है। आइए जानते हैं इन योग और संयोग से जुड़ी खास बातें…


 


29 साल बाद पड़ रहा है दुर्लभ संयोग



आचार्य मिश्र ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व सावन के आखिरी सोमवार को मनाया जाएगा। इसी दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहे हैं। वहीं दिन का आरंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। ऐसा 29 साल बाद हो रहा है कि रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को है और इतने सारे शुभ संयोगों के साथ मनाया जाएगा।


 


भद्रा तो है लेकिन…



ज्योतिषाचार्य पंडित भरत मिश्र के अनुसार, राखी बांधने के वक्‍त में भद्रा नहीं लगी होनी चाहिए। मान्‍यता है कि रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उसे राखी बांधी थी और इसलिए उसका सर्वनाश हो गया। अच्‍छी बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा केवल सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक ही है। भद्रा सूर्यदेव की पुत्री कहलाती हैं, जो किसी भी कार्य के लिए शुभ नहीं मानी जातीं।


 


राखी बांधने का शुभ मुहूर्त



पंडित मिश्र ने बताया कि राखी को बाधने का मुहूर्त सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा। दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है। इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है।


 


रक्षाबंधन के दिन शुभ संयोग के प्रभाव



पंडित राजेश मिश्र ने रक्षाबंधन पर्व पर इस बार शुभ ग्रहों और नक्षत्रों की मौजूदगी इस त्‍योहार को और भी खास बना रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग के कारण इस रक्षाबंधन भाई और बहन दोनों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और उनके बीच प्रेम बढ़ेगा। वहीं आयुष्‍मान योग भाई की कलाई पर बंधने वाले रक्षासूत्र को और मजबूत करने के साथ दोनों को दीर्घायु प्रदान करने वाला होगा। इसके अलावा इस बार 3 अगस्‍त को सावन के सोमवार के साथ ही पूर्णिमा भी है, ऐसा संयोग बहुत ही कम पड़ता है कि सोमवार के दिन पूर्णिमा पड़ जाए।


 


3 अगस्‍त को श्रवण नक्षत्र


प्रयागराज के आचार्य पंडित योगेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि 3 अगस्‍त को चंद्रमा का श्रवण नक्षत्र भी मौजूद है। वहीं इस बार मकर राशि का स्‍वामी शनि और सूर्य भी आपस में समसप्‍तक योग बना रहे हैं। इस खास योग में रक्षाबंधन होने भाई और बहन दोनों के बीच प्‍यार बढ़ता है और दोनों की आयु बढ़ती है।


 


कोरोनाकाल में ऐसे भी मना सकते हैं रक्षाबंधन



मथुरा के पंडित नित्यानंद मिश्र ने बताया कि कोरोनाकाल में रक्षाबंधन मनाने के लिए बहुत से भाई-बहन संभव है कि इस त्‍योहार पर न मिल पाएं। इसके लिए बहनें भगवान कृष्‍ण को अपना भाई मानकर उन्‍हें राखी भेंट कर सकती हैं। इसके लिए आपको स्‍नान के बाद भगवान कृष्‍ण की तस्‍वीर के सामने राखी रख देनी चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि हे ईश्‍वर आप हमारी रक्षा करें। इससे आपका रक्षाबंधन का त्‍योहार भी बेकार नहीं जाएगा और आपको पुण्‍यफल की प्राप्ति होगी।


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