रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। ... रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।
आचार्य पंडित शरद चन्द्र मिश्र के अनुसार भाई बहनों का पर्व "रक्षाबंधन" सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल सावन के आखिरी सोमवार (3 अगस्त) पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है। भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है। साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त :
राखी बांधने का मुहूर्त- 09:27:30 से 21:11:21 तक।
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त- 13:45:16 से 16:23:16 तक।
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त- 19:01:15 से 21:11:21 तक।
मुहूर्त अवधि : 11 घंटे 43 मिनट।
जानिए शुभ संयोग के बारे में :
इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और प्रीति योग बन रहा है। इसके पहले यह संयोग साल 1991 में बना था। इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।
जानिए कैसे सजाएं राखी की थाली :
राखी की थाली में रेशमी वस्त्र, केसर, सरसों, चावल, चंदन और कलावा रखकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद राखी भगवान शिव की प्रतिमा को अर्पित करें। अब भगवान शिव को अर्पित किया गया धागा या राखी भाइयों की कलाई में बांधे।
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