सावन में 20 सालों बाद बन रहा है ये संयोग, इस काम को करने से 'महादेव' होते हैं प्रसन्न

सावन के तीसरे सोमवार को हरियाली और सोमवती अमावस्या का पवित्र पर्व



गोरखपुर। सावन के तीसरे सोमवार को हरियाली और सोमवती अमावस्या का पवित्र पर्व है। इस वर्ष सर्वाथसिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र तदुपरांत पुष्य नक्षत्र, सावन सोमवार, सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। इससे पर्व की शुभता में विशेष अभिवृद्धि होगी। सोमवार को यदि पुष्य नक्षत्र हो तो उसे सोमपुष्य योग कहते हैं। ऐसा योग सावन महीने में 20 वर्ष के बाद बन रहा है।


 


महादेव की पूजा व पौधे लगाने का है विशेष महत्व


आचार्य पंडित शरद चन्द्र मिश्र के अनुसार सावन के इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर शिव जी का पूजन-अर्चन किया जाता है। इस दिन नदियों एवं जलाशयों के किनारे स्नान के बाद, भगवान शिव के अर्चन-पूजन के बाद पौधों को रोपा जाता है।


 


अमावस्या के दिन ऐसे करें पूजा व दान-पुण्य


पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, इस दिन व्रत करने वालों को सुबह नित्य कर्म से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। हृदय में भगवान विष्णु एवं शिव का ध्यान करते हुए पीपल के जड़ में ऊॅ विष्णवे नम: और ऊॅ नम: शिवाय का उच्चारण करते हुए पूजन व जलार्पण करें। उसके बाद विधि पूर्वक षोडशोपचार विधि से भी अर्चन करें।


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