काल भैरव जयंती पर विशेष
पीएम मोदी ने नामांकन के दौरान लिए थे बाबा भैरो का आशीर्वाद
17वीं लोकसभा चुनाव 2019 में नामांकन से पहले पीएम मोदी ने काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया था।
पुराणों के मुताबिक, काशी में काल भैरव को स्वयं महादेव ने नियुक्त किया था और काशी में रहने के लिए हर किसी को बाबा भैरव की आज्ञा लेनी होती है। काशी में कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले दंड के अधिकारी और कल्याण करने वाले बाबा कालभैरव के दर्शन से मनोकामना तो पूरी होती ही है। उनकी कृपा से हर तरह के कष्ट, दोष व नजर बाधा तक दूर हो जाती है। यह भी मान्यता है कि कालभैरव के दर्शन मात्र से यम के दंड से बचा जा सकता है।
ऐसी मान्यता है कि काल भैरव के दर्शन किए बिना भगवान शिव के दर्शन अधूरे होते हैं। पीएम मोदी जब भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचते हैं तो वह काल भैरव के लिए एक अनुष्ठान करते हैं।
हिंदू धर्म के लोग मोझ नगरी काशी के महत्व को अच्छे से समझता है। काल भैरव के बारे में कहा जाता है कि वह ऐसे देवता है, जिन्हें सब कुछ पसंद है। मिठाई, फल, मेवे, बिस्कुट, टॉफी, भांग, धतूरा भक्तों के द्वारा सच्चे मन से लगाया गया प्रसाद, इन्हें प्रिय है। इनके दर्शन किए बगैर बाबा विश्वनाथ का दर्शन अधूरा रहता है।
बाबा काल भैरव सदियों से काशी के कोतवाल के रूप में पूजे जाते हैं।
वाराणसी की जनता ये मानती है कि प्रभू शहर के रक्षक हैं। शहर में बिना काल भैरव की इजाजत के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता। यह मजाक नहीं सच है कि वाराणसी के कोतावली पुलिस थाने में SHO की कुर्सी पर बाबा काल भैरव बैठते हैं। सालों से यहां ये परंपरा चली आ रही है, जब भी यहां कोई थानेदान की पोस्टिंग होती है, तो वह अपनी कुर्सी पर बाबा काल भैरव को विराजते हैं।
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