- जिले के 2.13 लाख बच्चो को पिलाई जाएगी बिटामिन ए की खुराक
- बच्चों के सम्पूर्ण विकास में बिटामिन ए की भूमिका महत्वपूर्ण : सीएमओ
संतकबीरनगर। बाल स्वास्थ्य पोषण माह (बीएसपीएम) विटामिन ए सम्पूर्णन कार्यक्रम का शुभारंभ जिला अस्पताल के साथ ही हर सामुदायिक, प्राथमिक चिकित्सा इकाई के साथ ही साथ स्वास्थ्य उपकेन्द्रों व हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर्स पर सोमवार को किया गया। जिले में 2.13 लाख बच्चों को बिटामिन ए की खुराक दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान आगामी 13 जनवरी तक चलेगा।
सीएमओ डॉ. हरगोविन्द सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार हर स्वास्थ्य इकाई पर उनके अधीक्षकों के द्वारा बच्चों को बिटामिन ए की खुराक पिलाकर कार्यक्रम का सादे समारोह में शुभारंभ किया गया है। बिटामिन ए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही जरुरी है। इसलिए जिले के सभी माता पिता जिनके बच्चे नौ माह से लेकर पांच वर्ष तक के हैं, उनको बिटामिन ए की खुराक अवश्यक पिलवाएं। जिले की आशा कार्यकर्ता यह निर्धारित करें कि उनके क्षेत्र में शत प्रतिशत बच्चों को बिटामिन ए की खुराक पिला दी गई है। इस बार इस लक्ष्य को अधिक से अधिक पूरा करने में सभी कर्मी मनोयोग से जुटें।
बच्चों के उम्र के हिसाब से दिया जाएगा डोज : डॉ. सिन्हा
जिले के सर्विलांस अधिकारी डॉ. एके सिन्हा ने बताया कि विटामिन ए की खुराक जिले के नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को दी जाएगी। इस आयु वर्ग के कुल 2.13 लाख बच्चे जनपद में हैं। इनमें से 9 माह से 12 माह तक के 12447 बच्चे हैं, इन्हें आधा चम्मच अर्थात एक मिली लीटर घोल दिया जाएगा। जबकि एक से दो वर्ष के कुल 53519 बच्चे हैं, जिन्हें दो एमएल अर्थात एक चम्मच बिटामिन का घोल दिया जाएगा। वहीं दो वर्ष से पांच वर्ष तक के कुल 1.47 लाख बच्चे हैं, जिन्हें एक पूरा चम्मच अर्थात 2 एमएल का घोल दिया जाएगा। अभियान के तहत कुल 2070 सत्र चलाए जाएंगे।
विटामिन ए से होता है यह लाभ
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि विटामिन ए से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है, रतौंधी रोग से बचाव होता है, कुपोषण से बचाव होता है। मानसिक दिव्यांगता में कमी आती है। एक साल में दो बार विटामिन ए की खुराक लेने से सभी कारणों से होने वाली मृत्यु में 23 प्रतिशत कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत कमी तथा अतिसार रोग के कारण होने वाली मृत्यु में 33 प्रतिशत की कमी आती है।
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