गोरखपुर महोत्सव : माया के कदमों संग थिरकती रही शाम

 


गोरखपुर। गोरखपुर महोत्सव के दूसरे दिन की शाम माया कुलश्रेष्ठ के कत्थक के नाम रही। महोत्सव के मंच से माया कुलश्रेष्ठ ने कत्थक भाव की खूबसूरत प्रस्तुति दी गई। उनके भावपूर्ण प्रस्तुति के कारण 45 मिनट तक लोग मंत्रमुग्ध रहे।

अपनी पहली प्रस्तुति में ओम नमः शिवाय से शुरुआत कर ‘इत भर शोभित चन्द्रमा...‘ बोल में आकर्षक नृत्य कर सभी को उसी में रमा दिया। इसके बाद स्त्री हूं स्त्रीत्व का उत्सव मनाऊंगी थीम पर प्रस्तुति दी। इसमें अर्ध नारीश्वर के महत्व को दर्शाया। उन्होंने नृत्य के जरिए बताया कि नारी के बगैर पुरुष का वजूद नहीं हैं। नारी में ही पुरुष समाहित है। इसे देवता भी मानते हैं। उनके आंखों, कलाइयों व गले का घुमावदार संचालन ने लोगों को हतप्रभ कर दिया।

करीब 45 के कार्यक्रम में उन्होंने सूफी गायन पर आधारित कथक नृत्य किया गया जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया। अपनी कला के दौरान मर्यादा ने दर्शाया की सभी धर्म एक समान है और हर एक भारतीय सभी धर्मों की इज्जत करता है। मनमोहक प्रस्तुति देकर मर्यादा ने सभी दर्शकों का दिल जीत लिया।

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