टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए निजी क्षेत्र को प्रेरित करेगी टीम

"टीबी हारेगा, देश जीतेगा थीम’’ के तहत 13 से 25 जनवरी तक चलेगा टीबी रोगी ढूंढने का अभियान

दूसरे चरण के अभियान में 7.50 लाख आबादी से अभी तक ढूंढे गये हैं 269 मरीज



गोरखपुर। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत क्षय रोग यानी टीबी के मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए प्रेरित करने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की टीम निजी क्षेत्र का रूख करेगी। इसके तहत निजी क्षेत्र में इलाज करवा रहे मरीजों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ भी दिलवाया जाएगा। ‘‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’’ थीम के तहत 13 जनवरी से शुरू हो रहा यह अभियान 25 जनवरी तक चलेगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने दी। 

डॉ. मिश्र ने बताया कि सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय के दिशा-निर्देशों के अनुसार निजी अस्पताल के चिकित्सकों, लैब और कैमिस्ट के पास दो सदस्यीय टीम जाएगी और उनके यहां इलाज करवा रहे या दवा ले रहे टीबी रोगियों को सूचीबद्ध करेगी। साथ ही उन लोगों को प्रेरित किया जाएगा कि नया टीबी रोगी मिलने पर विभाग को सूचित करें। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मरीजों की पहचान कर उनके आसपास निरोधात्मक कार्यवाही हो सके और उन्हें पोषण के लिए प्रतिमाह मिलने वाले 500 रुपये का लाभ दिलवाया जा सके। उन्होंने बताया कि अभियान के दूसरे चरण में 7.50 लाख की आबादी में अभी तक 269 टीबी मरीज ढूंढे गये हैं। अभी कुछ और रिपोर्ट आनी बाकी है।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि बुधवार से शुरू हो रहे अभियान में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम अभय नारायण मिश्र, स्वयंसेवी संस्था जीत सहित जिला स्तरीय टीम समन्वय करेगी और अभियान की सफलता सुनिश्चित करेगी। निजी क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए जो टीम बनाई गयी है उसमें से प्रत्येक टीम में एक सदस्य स्वयंसेवी संस्था का होगा जबकि दूसरा सदस्य विभाग का होगा। प्रत्येक टीम को एक दिन में कम से कम 10 चिकित्सक, लैब या कैमिस्ट के यहां विजिट करना होगा। किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर जिला स्तरीय टीम मदद करेगी। उन्होंने बताया कि अभियान के दूसरे चरण में 7.50 लाख लोगों की स्क्रीनिंग के बाद 3745 लोग ऐसे निकले जिनमें टीबी के लक्षण दिखे। इन सभी लोगों के बलगम जांच के बाद और अन्य आवश्यक क्लिनिकल जांच के बाद 269 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। सभी लोगों का इलाज शुरू कर दिया गया है। दूसरे चरण के कुछ और टीबी रोगी सामने आ सकते हैं। उन सभी को निःशुल्क इलाज के अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह मिलने वाली राशि के लिए निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा।


यह लक्षण हों तो अवश्य जांच करवाएं

उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि अगर किसी को दो सप्ताह से ज्यादा का बुखार आने, 14 दिनों सें खाँसी आने, सीने में दर्द रहने, खाँसी के साथ मुंह से खून आने, भूख कम लगने, वजन के घटने, बच्चों में वजन के न बढ़ने और रात में पसीना आने जैसे लक्षण हैं तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच करवानी चाहिए। अगर टीबी की पुष्टि हो जाए तो खांसते और छींकते समय टीश्यू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करना चाहिए। बलगम को मिट्टी से दबा देना चाहिए। अपने कपड़े आदि अलग इस्तेमाल करना चाहिए। जब तक पूरी दवा न हो जाए बीच में इलाज नहीं बंद करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से टीबी घातक रूप अख्तियार कर लेता है।


निजी क्षेत्र से नोटिफिकेशन अनिवार्य

टीबी एक नोटिफाइड बीमारी है। अगर किसी भी निजी चिकित्सक के यहां टीबी का मरीज इलाज करवा रहा है तो उसका नोटिफिकेशन करना अनिवार्य है। नये टीबी रोगी के नोटिफिकेशन पर निजी चिकित्सक को भी प्रोत्साहन राशि मिलती है। सभी चिकित्सकों, कैमिस्ट और लैब से अपील है कि टीबी रोगियों की सूचना जिला क्षय रोग केंद्र को अवश्य दें।

डॉ. सुधाकर पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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