असुरन पोखरे में बने ध्‍वस्‍त होंगे सैकड़ों मकान, शुरू हुई तैयारी

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद साढ़े नौ एकड़ के पोखरे का किया जायेगा सुन्दरीकरण



गोरखपुर। ताल सुमेर सागर के बाद जल्द ही शहर का एक और पोखरा अपने पूरे अस्तित्व में आएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश के बाद हाल ही में तहसील प्रशासन की टीम की ओर से किए गए सर्वे में यह बात सामने आयी है कि इस पोखरे के आधा से अधिक हिस्से पर कब्जा हो चुका है। अब इस जगह का चिन्हांकन कराकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू होगी।

जल्द ही अभियान चलाकर खाली कराया जाएगा अतिक्रमण 

शहर के बीच में स्थित असुरन पोखरे का मूल क्षेत्रफल करीब साढ़े नौ एकड़ रहा है। पर, धीरे-धीरे इसका दायरा घटता गया और भू-माफिया ने कब्जा कर जमीन बेच दी। जमीन खरीदने के बाद कई लोगों ने निर्माण भी करा लिया है। ताल-पोखरों को खाली कराने के अभियान के क्रम में एसडीएम/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने असुरन पोखरे का क्षेत्रफल जांचने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। करीब 9.5 एकड़ क्षेत्रफल वाला यह पोखरा आज लगभग 4.5 एकड़ में सिमट कर रह गया है। करीब पांच एकड़ पर लोगों का कब्जा हो चुका है।

जल्द होगा चिन्हांकन

इस पोखरे का जल्द ही चिन्हांकन कराया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है। गोरखपुर महोत्सव समाप्त होने के बाद इस दिशा में काम तेज कर दिया गया है। तहसील की टीम जल्द ही इसका चिन्हांकन करेगी और अतिक्रमण करने वाले लोगों को चिन्हित किया जाएगा। चिन्हांकन पूरा होने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

ताल सुमेर सागर से खाली कराया जा चुका है अतिक्रमण

शहर के बीच में स्थित ताल सुमेर सागर से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण खाली कराया गया है। यहां कई पक्के मकान भी तोड़े गए। ताल को मूर्त रूप देते हुए उसके सुंदरीकरण का काम भी किया जा रहा है। इसी तरह खरैया पोखरे का भी चिन्हांकन किया जा चुका है। वहां के कुछ वाद मंडलायुक्त न्यायालय में लंबित होने के कारण अभी कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी है।

असुरन पोखरे का क्षेत्रफल जांचने के लिए कमेटी गठित की गई थी। रिपोर्ट आ गई है। बड़े हिस्से पर अतिक्रमण है। जल्द ही चिन्हांकन कराकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। - गौरव सिंह सोगरवाल एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर।

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