सही खाएं, ताकि शुगर ना गड़बड़ाए

 विशेषज्ञ- डॉ. एस के सिंह के अनुसार,

डायबिटीज की गिरफ्त में आते ही खान-पान बदलने लगता है। शंकाएं भी कम नहीं होतीं। कोई कहता है कि फल और चावल खूब खाएं तो कोई इनसे बचने की सलाह देता है। जानकारी की कमी के कारण कई बार लोग फायदेमंद चीजों से भी दूरी बना लेते हैं।


 

घर में या जान-पहचान में किसी ना किसी को डायबिटीज से जूझते हुए देखा जा सकता है। एक ऐसी बीमारी, जो पूरी जीवनशैली को बदलने की मांग करती है। आप डायबिटीज के शिकार हैं या फिर उसके मुहाने पर खड़े हैं तो थोड़ी-सी लापरवाही समस्या को बढ़ा देती है। लखनऊ स्थित डायबेटोलॉजिस्ट अतुल अग्निहोत्री बताते हैं, ‘डायबिटीज के मरीजों को खानपान पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है, अन्यथा शरीर के दूसरे हिस्सों पर असर पड़ता है और  इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भरता बढ़ जाती है।’

शुगर लेवल पर पड़ता है असर 
डायबिटीज मिलीटस एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है। सामान्य स्थिति में हम जो खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदलकर खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद इंसुलिन हार्मोन,  ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। डायबिटीज होने पर शरीर में या तो पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनता या फिर शरीर सही से इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इस वजह से शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता। खून में ग्लूकोज एकत्र होता जाता है। 

डायबिटीज मुख्यतौर पर दो तरह की होती है। टाइप -1 से पीड़ित लोगों में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता या बहुत कम होता है। बच्चे और युवा इसके अधिक शिकार होते हैं। इसके लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लेना होता है। डायबिटीज के 90 प्रतिशत मरीज, टाइप -2 से प्रभावित होते हैं।  मोटापे व जीवनशैली की गड़बड़ी का इससे सीधा संबंध है। पहले जहां 35 से 40 की उम्र में इसके मामले अधिक दिखते थे, अब  युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं।  

इन नियमों का रखें ध्यान 
खान-पान कैसा हो, यह व्यक्ति के शुगर लेवल, दिनचर्या, व्यायाम की आदतों और शरीर संरचना पर निर्भर करता है।  इन बातों का ध्यान रखना सही रहेगा- 
फल खाएं, पर ग्लाइसेमिकइंडेक्स पर रखें नजर 
लखनऊ में न्यूटिवेला क्लिनिक में डाइटीशियन डॉ. सुरभि जैन बताती हैं कि फलों का निर्धारण ग्लाइसेमिक इंडेक्स(जीआई) के आधार पर किया जाना चाहिए। अधिक जीआई वाले फल  शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं। चेरी, अनन्नास, रसभरी, कीवी, सेब, पपीता, संतरा, अमरूद का जीआई कम होता है। इनमें फाइबर व एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर हैं। इन्हें शुगर होने पर खाया जा सकता है। आम, चीकू, केला का जीआई ज्यादा होता है। ये फल तेजी से शुगर लेवल बढ़ाते हैं। जिनकी शुगर अधिक है, उन्हें इनसे बचना चाहिए या बहुत कम मात्रा में खाना चाहिए। 

६०:२०:२० का फॉर्मूला 
डॉ. सुरभि जैन कहती हैं, ‘भोजन में 60 प्रतिशत कार्ब, 20 प्रतिशत वसा व 20 प्रतिशत प्रोटीन होना चाहिए। दिनभर में 1500-1800 कैलरी अवश्य ली जानी चाहिए। रोजाना दो मौसमी फल व 3 तरह की सब्जियां जरूर खानी चाहिए।  

थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं 
दिनभर के भोजन को पांच हिस्सों में बांट लें। एक साथ बहुत सारा खाना ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ाता है। डॉ. अतुल अग्निहोत्री के अनुसार, ‘इस नियम का पालन करना  हाई ब्लड शुगर व लो ब्लड शुगर दोनों में सहायक होता है।’ 

रेड मीट से बचें
मांसाहारी लोगों को रेड मीट से परहेज करना चाहिए। एक हफ्ते में एक बार से अधिक बिल्कुल ना खाएं। इसकी जगह सी-फूड व चिकन शामिल करें। जिनका कोलेस्ट्रॉल अधिक रहता है, उन्हें अंडे के पीले भाग से बचना चाहिए।  

नमक व चीनी दोनों कम 
चीनी ही नहीं, अधिक मात्रा में नमक का सेवन भी डायबिटीज में नुकसान पहुंचाता है। सुरभि जैन कहती हंै,‘प्राकृतिक सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में नमक पाया जाता है, इसलिए  बहुत थोड़ा नमक डालें। डायबिटिक एजुकेटर, डायटीशियन डॉ. प्रियंर्का ंसह कहती हैं, ‘मिठाई, केक व कुकीज खाने से बचें। प्राकृतिक मिठास वाली चीजें जैसे गुड़, शहद, शकरकंद  खाना बेहतर रहेगा। एल्कोहल व सॉफ्ट ड्रिंक्स भी कम लेने चाहिए। मेवे सेहत के लिए अच्छे होते हैं, पर इनमें पाया जाने वाला फ्रुक्टोस शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। सूखे फलों से बेहतर है कि ताजे फल खाएं। फलों का जूस पीने से बेहतर है कि फल खाएं। इससे शरीर को फाइबर भी मिलता है। 

मैदा व कैफीन भी लें कम 
मैदा व मैदे से बनी चीजें कोलेस्ट्रॉल व शुगर के स्तर को बढ़ाती हैं। डॉ. प्रियंर्का ंसह कहती हैं,‘ दिन में दो कप से ज्यादा चाय या काफी न लें। मैदे की जगह अनाज, गेंहू व सोया से बनी ब्रेड, बिना पॉलिश्ड चावल या ब्राउन राइस इस्तेमाल करें।’ 

घर में खाएं या बाहर 
खाना घर में खा रहे हों या किसी रेस्तरां में, फाइबरयुक्त चीजों का चुनाव करें। साबुत अनाज, ओट्स व चने के आटे से बनी चीजें खाएं। पास्ता या नूडल खाने के शौकीन हैं तो इसमें सब्जियों व अंकुरित अनाज की मात्रा अधिक रखें। दूध कार्बोहाइड्रेट्स व प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। यह खून में शुगर लेवल को काबू रखता है। दिन में दो बार टोंड दूध पिएं। डॉ. सुरभि कहती हैं,  ‘दाल भी खाएं। अन्य कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों की अपेक्षा दाल शुगर लेवल को अधिक काबू रखती है। हरी सब्जियां भी फायदेमंद रहती हैं। सीमित मात्रा में ही सरसों व जैतून का तेल इस्तेमाल करें।’ 
डॉ. अतुल कहते हैं, ‘जो सब्जियां कच्ची खाई जा सकती हैं, उन्हें बिना पकाए या हल्का भूनकर काली मिर्च, नमक व नीबू के साथ खाएं। 
इन्हें खाना भी सही रहेगा-
- करेला
- लहसुन  
- दालचीनी  
- जामुन  
- मेथी 
- प्याज
- ओटमील  
- ऑलिव ऑयल
- बीन्स  
- दूध
- मछली 
- सेब।

कैसा हो डाइट चार्ट 
सुबह नाश्ते से पहले
 1 चम्मच मेथी या दालचीनी को रात में एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह वह पानी पिएं। इसके अलावा खाली पेट टमाटर के रस को नमक व काली मिर्च के साथ लेना भी फायदा पहुंचाता है। 4 से 5 भीगे बादाम/अखरोट भी खा सकते हैं।

नाश्ता 
- 1 वेज सैंडविच (ब्राउन ब्रेड) और 1 कप दूध। या फिर सब्जी मिलाकर बनाई ओट्स की खिचड़ी+ एक कप दही। 
-  दक्षिण भारतीय खाने का मन है तो 2 चावल की इडली+एक कटोरी सांभर खा सकते हैं। किसी दिन कम तेल में बनी मिक्स दाल या रागी का दोसा सांभर व चटनी के साथ ले सकते हैं।     
- ग्रीन सलाद व नारियल पानी ले सकते हैं। या 1 कप अंकुरित अनाज व 2 उबले अंडे खाएं। 
दोपहर के भोजन के पहले-100 ग्राम फल/ 1 कच्चे नारियल का पानी / 1 गिलास सब्जियों का जूस/ ग्रीन टी/ 1 गिलास छाछ ले सकते हैं।  

दोपहर का भोजन 
- 1 प्लेट सलाद, 2 रोटी या 1 कप ब्राउन राइस, 1 कप मौसमी सब्जियां, 1 कप दाल और 1 कप दही/रायता  
-  शाम का नाश्ता- थोड़े भुने चने (बिना नमक व छिलके सहित) / 1 खाखरा  या 1 फल ग्रीन टी के साथ। 

रात का भोजन
- 1 कप दलिया+ 1 कप दाल, 2 रोटी+ 1 कप सब्जी, 1 कम तेल में बना बेसन चीला। 
- रात में सोने से 1 घंटे पहले एक कप हल्का गर्म दूध 

जरूरी निर्देश
- दिन में कम से कम 3 लीटर पानी पिएं।
- रोजाना 30 मिनट से 1 घंटा व्यायाम करें। 
- खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं। 
- अगर शुगर 200 एमजी/ डीएल से ऊपर है तो मीठे फल ना खाएं।  रात का भोजन सोने से कम से कम 2 घंटे पहले करें। 

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