गोरखपुर। सर्व भाषा ट्रस्ट के आभासी मंच पर कवि के कनक किशोर की पुस्तक ‘हरियरी रोपत हथेली’ और उनके द्वारा लिखित तथा लोकगायक राकेश श्रीवास्तव द्वारा गाये गीत ‘भारत के देशवा हमार’ का लोकार्पण हुआ। पुस्तक व गीत लोकार्पण के कार्यक्रम की अध्यक्षता राँची के वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय डॉ हरे राम त्रिपाठी ‘चेतन’ ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ हरे राम पाठक तथा विशिष्ट अतिथि ‘भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के अंतरराष्ट्रीय महासचिव अविनाश त्रिपाठी अमेरिका से जुड़े थे। वक्ताओं में संतोष पटेल, मनोज भावुक व जेपी दिवेदी थे।
पुस्तक व गीत लोकार्पण के कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के शाब्दिक स्वागत से हुआ। लोकार्पण के क्रम में सर्वप्रथम कनक किशोर द्वारा लिखित, कन्हैया श्रीवास्तव द्वारा संगीतबद्ध तथा लोकगायक, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सदस्य राकेश श्रीवास्तव द्वारा गाए हुए गीत ‘भारत के देसवा हमार रे पथिकवा’ के वीडियो एल्बम के लोकार्पण से हुआ तत्पश्चात सभी अतिथियों द्वारा पुस्तक ‘हरियरी रोपत हथेली’ लोकार्पित की गई। लोकार्पण के पश्चात रचना प्रक्रिया पर अपनी बात रखते हुये कनक किशोर ने अपनी बात रखते हुये कविता पाठ भी किए। उनके बाद ‘भारत के देसवा हमार रे पथिकवा’ के गायक राकेश श्रीवास्तव ने इस गीत के गायन और प्रस्तुति के उद्देश्य को बताते हुये बताया कि इसका उद्देश्य भोजपुरी के श्लील गीतों का प्रसार-प्रचार है।
अमेरिका से जुड़े कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अविनाश त्रिपाठी ने गीत और पुस्तक कि कविताओं कि भाषा को सराहते हुये कहा कि भाषा जबतक आम पाठक को नहीं जोड़ पाएगी तबतक रचना लोकप्रिय नहीं हो पाएगी । कवि मनोज भावुक ने गीत व ग़ज़ल के शिल्प पर ध्यान देने की बात की। भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कवि व भोजपुरी साहित्य सरिता के संपादक जे पी द्विवेदी ने इस पुस्तक को कविता की अनेक विधाओं की थाती बताते हुये एक श्रेष्ठ पुस्तक बताया। अगले वक्ता के रूप में बोलते हुये संतोष पटेल ने इस पुस्तक को भोकल, लोकल और ग्लोबल का संगम बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ हरेराम पाठक जेआई ने बताया कि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात यह स्पष्ट हो जाता है कि वे किसी खास वर्ग या वाद से प्रेरित नहीं हैं। इसमे पहली बात हर वर्ग कि कविताएं पढ़ने को मिल रही है। कार्यक्रम के अध्यक्ष व वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ हरेराम त्रिपाठी ‘चेतन’ जी कवि के संगीत, शिल्प व कला के साथ ही हर पक्ष पर विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया और रचनाकार को बधाइयाँ प्रेषित की।
कार्यक्रम के अंत में सर्व भाषा ट्रस्ट के समन्वयक केशव मोहन पाण्डेय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया और पुनः लोकार्पित गीत की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम समाप्त किया गया।
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