टीका आने के बाद भी अपनाना होगा कोविड समुचित व्यवहार : सीएमओ


-जिले में छह केंद्रों के बारह बूथों पर हुआ कोविड टीकाकरण के लिए ड्राई रन

-टीकाकरण का मॉक ड्रिल होता है ड्राई रन

-पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को लगना है टीका



गोरखपुर, 05 जनवरी 2021। कोविड टीकाकरण के लिए जिले के छह केंद्रों के 12 बूथों पर मंगलवार को ड्राई रन यानि मॉक ड्रिल किया गया। इस बीच, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह कोरोना समुचित व्यवहार बनाए रखें, क्योंकि टीका आने के बाद भी जब तक संपूर्ण प्रतिरक्षण नहीं हो जाता तब तक इसका पालन करना अनिवार्य होगा। मॉस्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना, हाथों की साफ-सफाई, खांसते-छींकते समय टीश्यू पेपर या कोहनी इस्तेमाल करना होगा और अनावश्यक यात्रा व भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा। इसके अलावा मधुमेह, ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के प्रति अतिरिक्त सतर्कता और कोविड का लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने जैसे व्यवहार अभी जारी रखने होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगेगा और उसके बाद शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार अलग-अलग वर्गों को टीका लगाया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीआरडी मेडिकल कालेज में अपर निदेशक परिवार कल्याण डॉ. जनार्दन मणि त्रिपाठी समेत कई उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में ड्राई रन हुआ। जिले के अन्य टीकाकरण केंद्रों पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी के तौर पर कार्यक्रम के निगरानी की जिम्मेदारी दी गयी थी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय को ड्राई रन के दौरान मिले गैप्स को दूर करवाने के लिए कहा गया है। ड्राई रन में जिले के कुल 300 स्वास्थ्यकर्मियों ने हिस्सा लिया। सबकुछ वैसे ही हुआ जैसे की वास्तविक टीकाकरण के दौरान होता है, बस टीका सांकेतिक तौर पर लगाया गया। इस कार्यक्रम में पुलिस विभाग की भी मदद ली गयी। टीकाकरण के दौरान यह प्रक्रिया उसकी सफलता के लिए काफी मददगार साबित होगी।



सीएमओ ने भी लगवाया टीका

ड्राई रन के दौरान सीएमओ ने भी सांकेतिक टीका लगवा कर पूरी व्यवस्था का आंकलन किया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि आयोजन में पार्टनर संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सी एच ए आई ने भी योगदान एवं फीडबैक दिया। उन फीडबैक के आधार पर प्रक्रिया को और दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा। 


सबको दी गयी थी सूचना

ड्राई रन का हिस्सा रहे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (चरगांवा) डॉ. धनंजय कुशवाहा ने बताया कि उच्चाधिकारियों से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार उनके स्तर से सभी कर्मचारियों को सूचना दी गयी थी कि सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच निर्धारित स्थल पर पहुंचना है। कर्मचारियों को यह भी बताया गया था कि पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। इसलिए कर्मचारी पैन कार्ड या पहचान के अन्य साधनों के साथ पहुंचे। 


रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) से जुड़े आयुष चिकित्सक डॉ. विनय कुमार सिंह ने भी ड्राई रन में प्रतिभाग किया। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि बीआरडी मेडिकल कालेज में काफी अच्छी व्यवस्था थी। वहां पहुंचने पर सबसे पहले पुलिस ने सूची से वेरीफिकेशन किया। इसके बाद दूसरे कक्ष में स्टॉफ ने मोबाइल नंबर और दस्तावेजों का वेरीफिकेशन किया। डेट ऑफ बर्थ वेरीफाई किया गया। फिर सांकेतिक टीका लगाया गया। टीका लगने के बाद तीसरे कक्ष में आधे घंटे तक बैठाया और जाते समय कंट्रोल रूम का नंबर बताया गया और कहा गया कि अगर टीके से कोई दिक्कत हो तो इस नंबर पर तुरंत सूचना देनी है।

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