- जिले के सभी जूनियर हाईस्कूल व इण्टर कालेज में चलेगा 'स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम'
- हर स्कूल के दो शिक्षक 'स्वास्थ्य दूत' के रुप में पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी देंगे सेवाएं
संतकबीरनगर। जिले के सभी जूनियर हाईस्कूल व इण्टर कालेजों में चलाए जाने वाले स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम को सुचारु रुप से संचलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य दूतों को प्रशिक्षित करने के लिए ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन्हीं प्रशिक्षकों की निगरानी में प्रशिक्षित होकर स्वास्थ्य दूत अपने स्कूल में पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यक्रमों को लागू करने का काम करेंगे।
गूगल मीट के माध्यम से चल रहे ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षकों के 5 दिवसीय वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि किशोरों के स्वास्थ्य को लेकर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें किशोरों के स्वास्थ्य, परामर्श के साथ ही 6 विन्दुओं को ध्यान में रखते हुए काम चल रहा है। आगे आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत जनपद के हर जूनियर तथा इण्टरमिडिएट स्कूलों में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जाएगा। आप जैसे प्रशिक्षकों की बदौलत ही इस कार्यक्रम को समाज के अन्तिम पायदान तक पहुंचाया जा सकता है।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक दीन दयाल वर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण में प्रति ब्लॉक से दो मेडिकल आफिसर स्वास्थ्य विभाग से तथा एक एआरपी शिक्षा विभाग से प्रतिभाग कर रहे हैं जिन्हें राज्य स्तर से प्रशिक्षित एसआरजी संजय द्विवेदी, भास्कर त्रिपाठी, व अशोक चौहान द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा। ऑनलाइन प्रशिक्षण का केंद्र सीएमओ ऑफिस बनाया गया है।
प्रशिक्षण में ऑनलाइन ट्रेनिंग प्राप्त करने वालों में आरबीएसके की एमओ डॉ सोनी सिंह, डा विनय सोनी, डॉ किरण त्रिपाठी, डा रचना यादव, डॉ अश्वनी यादव, डॉ राजेश त्रिपाठी, डॉ मंजर हुसैन, डॉ सच्चिदानंद, डॉ राजेश तिवारी समेत अन्य चिकित्सक व शिक्षकगण शामिल रहे।
23 जनपदों में चलेगा यह कार्यक्रम
भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल हेल्थ कार्यक्रम की पहल की गई है। जिसमें प्रदेश में चयनित 23 जनपदों में संत कबीर नगर जनपद के पूर्व माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं इंटर कॉलेजों के 2 नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षित कर हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर (HWA) अर्थात स्वास्थ्य दूत के रूप में सक्रिय किया जाएगा। प्रशिक्षित स्वास्थ्य दूत के रूप में अपने अपने स्कूलों - कॉलेजों में बच्चों की सेहत का ध्यान रखेंगे और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे।
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